OBC कार्ड खेलने की तैयारी में भाजपा, ओपी चौधरी का मुख्यमंत्री नहीं तो डिप्टी सीएम बनना तय?
आज दिल्ली से आए तीनों पर्यवेक्षक ने बीजेपी विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। नए सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की है। इन दिनों छत्तीसगढ़ भाजपा में सीएम फेस पर मंथन हो रहा है। वहीं आज प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को लेकर छत्तीसगढ़वासियों का इंतजार खत्म हो जाएगा। प्रदेशवासियों को आज उनके नए मुखिया का नाम पता हो जाएगा। इसी कड़ी में राजधानी रायपुर में आज दिल्ली से आए तीनों पर्यवेक्षक ने बीजेपी विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ को आदिवासी राज्य के रूप में देखा जाता है, क्योंकि यहां की 32 फीसदी आबादी एसटी कैटेगरी में आती है। वहीं, अगर प्रदेश की आदिवासी सीटों की बात करें तो 29 में से अधिकतर सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। ऐसे में ये दावा किया जा रहा है कि आदिवासी समुदाय से आने वाले बीजेपी नेता विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे है। देखा जाए तो सीएम पद के लिए रमन सिंह, विष्णदेव साय या रेणुका सिंह, अरुण साव और ओपी चौधरी का नाम आगे चल रहा है। लेकिन भाजपा छत्तीसगढ़ में कुछ और ही दांव खेलने की तैयारी कर रही है। भाजपा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ऐसे नेता को प्रदेश की कमान सौंपने वाली है जिसकी केंद्र में तो बखत हो ही प्रदेश में शांत और सौम्य छवि वाला भी हो। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा जातिगत समीकरण को भी देखते हुए मुख्यमंत्री का चुनाव करेगी। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर ओबीसी वर्ग से सीएम बनाया जाता है तो ये तय है कि आदिवासी या सामान्य वर्ग से डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की रेस में चर्चा पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी के नाम की भी है। इसकी वजह है चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह का एक बयान। रायगढ़ में अमित शाह ने ओपी चौधरी के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। उन्होंने तब कहा था कि आप ओपी चौधरी को जिता दीजिए, मैं इनको बड़ा आदमी बना दूंगा। अमित शाह के बड़ा आदमी बनाने वाले बयान को लेकर अटकलें हैं कि ये सीएम या डिप्टी सीएम का पद हो सकता है। छत्तीसगढ़ के सीएम के नाम के लिए आज मंथन होना है। आज सुबह ही छत्तीसगढ़ भाजपा के ऑब्जर्वर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अर्जुन मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम रायपुर पहुंच चुके हैं और दो बजे विधायक दल की बैठक होगी। बैठक में सीएम के नाम पर चर्चा होगी। हालांकि बैठक से पहले ही ये कयास लगाया जा रहा है कि रमन सिंह, विष्णदेव साय या रेणुका सिंह के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है। लेकिन दूसरी ओर ये भी कयास लगाया जा रहा है कि ओपी चौधरी को भी सीएम बनाया जा सकता है। इन सब सियासी उथल-पुथल के बीच अब डिप्टी सीएम के नाम पर चर्चा होने लगी है। सीएम के नाम साथ-साथ अब लोग ये जानना चाह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ का डिप्टी सीएम कौन होगा?
ओपी चौधरी 36 साल की उम्र में छोड़ी नौकरी
2005 बैच के अधिकारी ओपी चौधरी केवल 22 साल में आइएएस बने और 36 साल की उम्र में नौकरी छोड़ी। 2018 में जब ओपी ने नौकरी छोड़ी, तब वह डा.रमन सिंह की सरकार में रायपुर में कलेक्टर थे। भाजपा में प्रवेश कर वह साल 2018 में खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 13 वर्षों की अपनी सेवा में ओपी ने छत्तीसगढ़ में कई योजनाओं पर काम किया, जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई और उसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया। राजधानी रायपुर में स्थित नालंदा परिसर में राष्ट्रीय स्तर की लाइब्रेरी का निर्माण कराया। वह युवाओं के करियर काउंसिलिंग में भी लगे रहे। इसके अलावा प्रयास स्कूल ओपी चौधरी सोच का परिणाम है। इसमें नक्सल प्रभावित बच्चों को उच्च प्रतियोगी परीक्षाओं की पढ़ाई के साथ स्कूली शिक्षा दी जाती है। दंतेवाड़ा में कलेक्टर के पद पर तैनाती के बाद उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाके को एजुकेशन हब में बदल दिया। 2011-12 में उन्हें प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। चौधरी अपने इन कामों से यूथ आइकान बन गए।