सत्ता परिवर्तन में महिलाओं और किसानों की भूमिका अहम - CGKIRAN

सत्ता परिवर्तन में महिलाओं और किसानों की भूमिका अहम

 


छत्तीसगढ़ में भाजपा ने सत्ता में शानदार वापसी की है। पार्टी ने राज्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 54 सीटें जीती हैं। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में पार्टी के मत प्रतिशत में 13 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। इस सफलता के पीछे दिल्ली के शीर्ष नेताओं की अहम भागीदारी रही। प्रदेशवासियों को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के गठन को याद दिलाते हुए भाजपा ने संबंधों की गहराई का एहसास कराया। और उसके बाद अंडर करंट के लिए मास्टर स्ट्रोक की बारी थी। प्रति एकड़ 3,100 रुपये के भाव से 21 क्विंटल धान की खरीदी और महिलाओं को प्रति वर्ष 12 हजार रुपये के भुगतान की घोषणा ने मानो कांग्रेस का चक्रव्यूह ही तोड़ दिया। भाजपा ने एकबार फिर सिद्ध कर दिया कि संगठन और कार्यकर्ताओं की ताकत सर्वोपरि है।भाजपा ने एकबार फिर सिद्ध कर दिया कि संगठन और कार्यकर्ताओं की ताकत सर्वोपरि है। छह महीने पहले तक अपराजेय माना जा रहा कांग्रेसी किला ध्वस्त हो गया। छत्तीसगढ़ में अब फिर भाजपा की सरकार होगी। छह महीने पहले तक अपराजेय माना जा रहा कांग्रेसी किला ध्वस्त हो गया। छत्तीसगढ़ में अब फिर भाजपा की सरकार होगी। लोकसभा चुनाव के लिए पहले से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए मन बनाए बैठी बताई जा रही जनता ने मोदी की गारंटी को पूरा होने की गारंटी मान ली। और यही गेम चेंजर बन गया। भाजपा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती धान के मुद्दे पर कांग्रेस से मुकाबला करने की थी। केंद्रीय नेतृत्व और विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुफ्त की रेवड़ी  के घोर विरोधी रहे हैं। 2018 का चुनाव भी धान के लिए अतिरिक्त मूल्य नहीं देने की केंद्र सरकार की नीति के कारण ही हारना पड़ा था। प्रदेश चुनाव प्रभारी बनाए जाने के बाद ओम माथुर, चुनाव सह प्रभारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख भाई मांडविया और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के लिए इस मुद्दे को सुलझाना ही बड़ी चुनौती रही। कांग्रेस जब तक कुछ समझ पाती 60 लाख से अधिक महिलाओं तक महतारी वंदन के फार्म पहुंच चुके थे। कोयला परिवहन घोटाले और आबकारी घोटाले में पहले ही ईडी ने कई कांग्रेसी नेताओं और अधिकारियों को गिरफ्तार कर रखा था, सट्टेबाजी में प्रयुक्त महादेव एप ने भ्रष्टाचार के आरोपों को मुद्दा बना दिया। सट्टेबाजों से 508 करोड़ रुपये लिए जाने के वीडियो पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सफाई प्रभावकारी नहीं बन सकी।

प्रधानमंत्री आवास योजना, नल जल घर योजना में हितग्राहियों के वंचित होने का मुद्दा उठाया गया। आवास योजना, गोबर-गोठान योजना, गोठान चलो योजना की जमीनी हकीकत को लोगों के सामने उजागर किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव लगातार आम लोगों से जुड़े आंदोलनों का नेतृत्व भी करते रहे। भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के आरोप लगाकर कांग्रेस को निशाने पर लेने का कोई मौका नहीं छोड़ा गया। घोषणा-पत्र में दिखाया उत्साह: महिलाओं को साधने के लिए महतारी वंदन योजना के अंतर्गत सालाना 12 हजार रुपये देने का वायदा किया गया। किसानों को पाले में लाने के लिए उनसे दो वर्ष के बकाया धान के बोनस के एकुश्त भुगतान और 3,100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी का वादा भी किया गया। दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं के लिए भी योजनाएं बनाईं।

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