छत्तीसगढ़ में अब विष्णु 'राज', बतौर पंच सियासी सफर किया शुरू
छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शपथ ले ली है. राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री बने हैं।इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय नेता, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रदेश के वरिष्ठ और दिग्गज नेता उपस्थित रहे. 59 साल के विष्णुदेव साय ने 11वीं तक ही शिक्षा हासिल की है। साय ने 1989 से राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। बतौर पंच उन्होंने अपना सियासी सफर शुरू किया था।
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का नाम चौंकाने वाला रहा था। मुख्यमंत्री के साथ उनकी कैबिनेट के दो उप-मुख्यमंत्रियों विजय शर्मा और अरुण साव ने भी शपथ ली। साय ने 1989 से राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। बतौर पंच उन्होंने सियासी सफर शुरू किया था। इसके अगले साल निर्विरोध सरपंच बने। साल 1990 में ही विधायक चुने गए। विष्णुदेव साय कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। साय ने 25541 वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को हराया है।
कौन हैं विष्णुदेव साय?
छत्तीसगढ़ के नए सीएम विष्णुदेव का प्रदेश में बड़ा नाम है। वे आदिवासी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। विष्णुदेव साय चार बार सांसद, दो बार विधायक, केंद्रीय राज्य मंत्री और दो-दो बार के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके साथ ही साय को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव भी है। साल 2023 में विधानसभा चुनाव में उन्होंने कुनकुरी सीट से जीत हासिल की है। विष्णुदेव साय साफ छवि के नेता के रूप में भी जाने जाते हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद भी वे पार्टी से लगातार जुड़े रहे।
विष्णुदेव साय का अब तक का राजनीतिक सफर
उन्होंने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत 1989 से की थी। साय ने राजनीति में गांव के पंच के रूप में कदम रखा था। संघ से जुड़े थे। भारतीय जनता पार्टी ने साल 1990 में उनके ऊपर भरोसा जताकर तपकरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक का टिकट दिया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार के सांसद भी चुने गए। साल 1999 से लेकर साल 2014 तक लगातार तीन बार सांसद रहे हैं। इसलिए विष्णुदेव साय को आदिवासी समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है। आदिवासी कोटे से आने के कारण विष्णुदेव साय सीएम पद के लिए प्रबल दावेदार भी थे।
दादा और दो भाई भी रह चुके हैं विधायक
विष्णुदेव के दादा स्व. बुधनाथ साय 1947-1952 तक विधायक मनोनीत हुए. जनसंघ के समय विष्णुदेव के बड़े पिताजी स्व. नरहरि प्रसाद साय सन् 1962-1967 तक लैलूंगा विधानसभा से विधायक रहे. 1972-1977 तक बगीचा विधानसभा से विधायक रहे. 1967 से 1979 तक सांसद व केंद्रीय मंत्री रहे. बड़े पिताजी स्व. केदारनाथ 1967-1972 तक तपकरा विधानसभा से विधायक रहे.
11वीं पास हैं साय, ऐसा है परिवार
विष्णुदेव साय का जन्म छत्तीसगढ़ में जशपुर के बगिया गांव के किसान परिवार राम प्रसाद और जसमनी देवी के घर हुआ। 11वीं पास साय ने 1991 में कौशल्या देवी से शादी की और उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं। पहले दौर की बैठक के बाद पर्यवेक्षकों को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अपनी पसंद के रूप में साय के नाम की घोषणा करने का निर्देश दिया गया। पर्यवेक्षकों को विधायकों को यह सूचना देने के लिए भी कहा गया कि नेतृत्व ने पूर्व सीएम रमन सिंह को स्पीकर, साहू समाज से जुड़े अरुण साव और विजय शर्मा को डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया है। इसके बाद वन टू वन बैठक में विधायकों को इस फैसले की जानकारी दी गई थी।