छत्तीसगढ़ में भाजपा में नाराजगी उफान पर, धरसीवां सीट से नाराज़ देवजी भाई पटेल ने खरीदा नामांकन फॉर्म - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ में भाजपा में नाराजगी उफान पर, धरसीवां सीट से नाराज़ देवजी भाई पटेल ने खरीदा नामांकन फॉर्म

 


छत्तीसगढ़ में  विधानसभा चुनावों को लेकर जबरदस्त सरगर्मी बनी हुई है। छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीट हैं, जहां पर दो चरणों में वोट डाले जाएंगे। पहला मतदान 7 नवंबर को तो वहीं दूसरे चरण का मतदान 17 नवबंर को होगा. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से उपजी नाराजगी अब चुनाव मैदान तक पहुंच गई है। चुनावी रण में कांग्रेस- भाजपा ने सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है, लेकिन उसकी कई सीटें ऐसी हैं जहां टिकट से वंचित नामांकन फार्म खरीदकर बकायदा निर्दलीय मैदान में उतरने को तैयार हैं। भाजपा ने सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दी है, लेकिन कुछ सीटों पर असंतोष की लहर है। धरसींवा विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। यहां बीजेपी ने छॉलीवुड स्टार अनुज शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीँ कांग्रेस ने पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा  पर भरोसा जताया है। लेकिन धरसींवा की सीट से बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक देवजीभाई पटेल ने नामांकन फॉर्म खरीदा है। धरसींवा सीट से बीजेपी की टिकट पर तीन बार विधायक रह चुके वरिष्ठ नेता देवजी भाई पटेल की नाराजगी फूटी है. टिकट नहीं मिलने से नाराज देवजी भाई पटेल ने बुधवार को नामांकन फार्म खरीदा है. उनके नामांकन फार्म खरीदने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं वह चुनाव तो नहीं लड़ रहे?  हालांकि अब तक उन्होंने अपने पूरे पत्ते नहीं खोले हैं. देवजी भाई पटेल ने पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि टिकट वितरण में मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई है.  पूर्व विधायक देवजीभाई ने कहा कि उन्हें अब भी भाजपा पर भरोसा है और पार्टी प्रत्याशी बदलने पुनर्विचार कर सकती है. आप को याद दिला दें कि जब से धरसींवा विधानसभा से बीजेपी ने अनुज शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। तब से स्थानीय स्तर पर उनका विरोध किया जा रहा है और डैमेज कंट्रोल के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को धरसींवा के खरोरा पहुंचना पड़ा और बीजेपी के कार्यकर्ताओं को समझाना पड़ा था कि चेहरा अहम नहीं है, कमल का फूल महत्वपूर्ण है।

देवजी भाई पटेल ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि पार्टी मुझे ही टिकट दे. कई और कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की है. पार्टी उन्हें टिकट दे दे. कार्यकर्ता मुझे कहेंगे कि चुनाव नहीं लड़ना है, तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. देवजी भाई पटेल ने कहा कि यह पार्टी मेरी मां है. मैं निष्ठावान कार्यकर्ता हूं. मैंने ईमानदारी से काम किया है. धरसींवा सीट से मैं लगातार तीन बार विधायक चुना गया. 1962 के बाद से कोई भी प्रत्याशी धरसींवा सीट से रिपीट नहीं हुआ था. जनता की वजह से मैं विधायक चुना जाता रहा. पिछले चुनाव में चली लहर की वजह से जरूर चुनाव हार गया था, लेकिन इस दफे टिकट वितरण में ज्यादातर हारे हुए नेताओं को टिकट दिया गया है. धरसींवा से तीन बार के विधायक व दिग्गज भाजपा नेता देवजी भाई पटेल भाजपा से बेहद नाराज चल रहे हैं। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन फार्म खरीद लिया है। वह धरसींवा से चुनाव लड़ेंगे तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।

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