प्रदेश में नकली खाद-बीज बेचने वालों की अब खैर नहीं
इन दिनों धान, सब्जी, अरहर, सोयाबीन अन्य फसलों की बोनी की जा रही है। किसान अपने खेती-किसान के काम में जुटे हैं। ऐसे में किसानों को बेचा जा रहा खाद- कीटनाशक सही या नहीं। कही कोई व्यापारी किसानों को गुणवत्ता ही दवाइयां आदि तो नहीं बेच रहा है। बाजार में नकली एग्रीकल्चर इनपुट बेचने वालों की चांदी है. जीएसटी ज्यादा होने की वजह से किसान बिल लेने में कतराते हैं और इसका फायदा नकली माल बनाने वालों को आसानी से मिल जाता है. घटिया और नकली बीजों से बहुत किसान ठगे जा रहे हैं. ऐसे में खेती-किसानी पर फोकस करने वाले किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध कराने के लिए वर्षवार नमूना लक्ष्य निर्धारित कर दिए हैं. सैंपल एकत्र होगा तो पता चलेगा कि बाजार में नकली सामान बिक रहा है या असली. नकली खाद, बीज और कीटनाशक की बिक्री की लगातार शिकायतें मिल रही है। कृषि विभाग द्वारा इसकी जांच भी की जा रही है। इतना ही नहीं सैंपल लेकर लैब भेजे जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में खाद-बीज और कीटनाशक औषधियों की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों, बीज और कीटनाशक औषधि की गुणवत्ता की ध्यान रखी जा रही है। छत्तीसगढ़ में खाद-बीज और कीटनाशक औषधियों की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों, बीज और कीटनाशक औषधि की गुणवत्ता की ध्यान रखी जा रही है। ऐसे में जिन संस्थानों में अमानक खाद, बीज और कीटनाशक मिलने पर ऐसे फर्मों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। वहीं कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा रहा है।
प्रदेश में जिला स्तर के अधिकारी अपने क्षेत्रों में बीज, खाद और कीटनाशक औषधियों के सैंपल ले रहे हैं। इसकी जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में हो रही है। खरीफ सीजन 2023 में अब तक प्रदेश में बीज के 89 नमूने और रासायनिक उर्वरक के 25 नमूने अमानक पाए गए हैं। अपर संचालक कृषि उर्वरक एससी पदम ने बताया कि खरीफ सीजन 2023 में बीज के 5 हजार, उर्वरक के 3 हजार 500 और पौध संरक्षण औषधि के 556 नमूने लिए जाने का लक्ष्य है। विभागीय अधिकारियों की टीम ने अब तक बीज के 3 हजार 958 नमूने को प्रयोगशाला भेजकर परीक्षण कराया है। परीक्षण में 3 हजार 762 नमूने मानक और 89 अमानक पाए गए हैं। बाकी सैंपल का परीक्षण जारी है।