बस्तर में हुई सौगातों की बौछार
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बस्तर जिलेे को 637 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की सौगात दी
बस्तर जो शांति का टापू है, शस्य श्यामला है, प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है। बस्तर में साफ दिल के लोग हैं, भोले-भाले लोग हैं, मेहनतकश और ईमानदार लोग हैं। पिछले कुछ वर्षों से जो भय का माहौल बना था, आज वह भय से उन्मुक्त होते जा रहे हैं। आज हिंसक घटनाओं में बहुत कमी आई है और उसका लाभ जनता उठा पा रही है। लोग आसानी से व्यापार-व्यवसाय कर रहे हैं, शिक्षा से, रोजगार से जुड़ रहे है और अपनी संस्कृति से जुड़कर संरक्षित एवं संवर्धित कर रहे हैं। जिस सुंदर बस्तर की कल्पना हमारे पुरखों ने की थी, आज उसे साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार दिन रात मेहनत कर रही है।
मुझे यह बताते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि हमारी सरकार ने सबसे पहले विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शासकीय अवकाश देने की शुरुआत की है। इसके साथ ही आज 5633 ग्राम पंचायतों को आदिवासी परब सम्मान निधि की दूसरी किश्त के रूप में 281.65 लाख रूपए की राशि जारी की गई है। यह पहली बार हुआ है कि आदिवासियों के जो त्यौहार परब है उसके लिए सम्मान निधि 10 हजार रुपये सालाना देने का निर्णय लिया गया है, ताकि हमारे आदिवासी भाई बहन उल्लास के साथ अपने त्यौहार मना सकें।
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