स्वामी आत्मानंद स्कूल में एडमिशन के लिए 10 से खुलेगा पोर्टल
छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों के दाखिले में सबसे ज्यादा कंपीटिशन वाले स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी मीडियम सरकारी स्कूलों में एडमिशन 10 अप्रैल से शुरू होंगे। लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर के संचालक द्वारा जारी निर्देश के अनुसार प्रवेश के लिए आवेदन 10 अप्रैल से 5 मई तक करना होगा। अधिक आवेदन की स्थिति में लॉटरी के माध्यम से सीट के आवंटन की प्रक्रिया 5 मई से 10 मई के बीच अपनाई जाएगी। जबकि एडमिशन देने की अन्य आवश्यक कार्यवाही 11 मई से 15 मई के बीच पूरी कराई जाएगी।
प्रदेश में पिछले सत्र में 247 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय और 32 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय संचालित थे. सत्र 2023-24 में प्रदेश में नए 101 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय प्रारंभ किए जाने के बजट में स्वीकृति दी गई. पहली कक्षा में प्रवेश के लिए छात्र की आयु 31 मई 2023 की स्थिति में 5 वर्ष से 6 वर्ष 6 माह के बीच होनी चाहिए। स्कूल की क्षमतानुसार प्रवेश देने का अधिकार कलेक्टर की अध्यक्षता वाली सोसायटी को होगा। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन ऑनलाईन तथा ऑफलाईन दोनों माध्यम से किया जा सकेगा. एक विद्यार्थी एक विद्यालय के लिए ही आवेदन कर सकेगा. संचालक द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में राज्य में पूर्व से चल रहे अंग्रेजी माध्यम के 152 प्रायमरी तथा 153 मिडिल स्कूलों के छात्र-छात्राओं को कक्षा 6वीं व कक्षा 9वीं में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा। बीपीएल व आर्थिक रूप से कमजोर पालकों के बच्चों को कुल रिक्त सीट के 25 प्रतिशत सीटों के विरूद्ध प्रवेश दिया जाएगा।
सीएम भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम के विद्यालयों में ’महतारी दुलार योजना’ अंतर्गत कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को विशेष प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा. एडमिशन के लिए आवेदन पत्र के साथ पालक का मृत्यु प्रमाण पत्र संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा. इसके अलावा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालयों में एडमिशन के लिए इसी विद्यालय में पूर्व से अध्ययनरत् छात्राओं को अगली कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी. पूर्व की तरह प्रत्येक कक्षा में रिक्त सीट का 50 प्रतिशत छात्राओं के लिए होगा। बालिकाओं की पर्याप्त संख्या नहीं होने पर बालकों को प्रवेश देकर उक्त सीट को भरा जा सकेगा।
