छत्तीसगढ़ का अनोखा गाँव जहां लोगो को चढ़ा यूट्यूब का नसा, बच्चे से बुजुर्ग तक सबकी हो रही कमाई
सरकारी नौकरी छोड़ बन रहे हैं यूट्यूबर्स कमा रहे लाखों रुपये
आमतौर पर ग्रामीण इलाके में लोग खेती-बाड़ी, पशुपालन या छोटी-मोटी दुकानें ही उनकी आजीविका का साधन होता है। लेकिन अब समय बदलने के लगा है . आधुनिक युग में सोशल मीडिया अब कमाई का जरिया भी बन गया है। आजकल लोग अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर विडियों अपलोड करके पैसे कमा रहे हैं जैसे यूट्यूब से पैसे कमाना। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है जहां लोग अब पढ़ाई के साथ-साथ पैसे भी कमा रहे हैं। आजकल यूट्यूब सिर्फ मनोरंजन या शिक्षा के लिए नहीं है बल्कि पैसा कमाने का एक प्लेटफॉर्म भी बन गया है। दुनिया भर में लाखों लोग यूट्यूबर्स के रूप में अपना करियर बना रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने शहरों में ही नहीं बल्कि गांवों तक हुनर को मौका दिया है. छत्तीसगढ़ के तुलसी गांव के हर घर में एक सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर निकल रहा है. छत्तीसगढ़ का इस यूट्यूबर गांव में रोज़ाना तैयार हजारों वीडियो तैयार होते हैं. लाखों की संख्या में रील्स बनते हैं. इतना ही नहीं यहां 85 साल की दादी और 15 साल का पोता एक साथ एक्ट भी करते नजर आते हैं.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर तिल्दा इलाके में बसा तुलसी गांव किसी दूसरे गांव की ही तरह है. लेकिन सोशल मीडिया में यहां रहने वालों की मौजूदगी इसे ज्यादा ख़ास बनाती है. इस गांव की आबादी लगभग 3 हजार है और यहां 1 हजार से ज्यादा यूट्यूबर्स हैं.
तुलसी गांव 85 साल की महिला बिसाहिन और 15 साल के राहुल बताते हैं कि तुलसी गांव में रहने वाले यूट्यूबर्स की ख़ास बात ये हैं कि हर किसी का अपना यूट्यूब चैनल है. लेकिन एक दूसरे के वीडियो बनाने से लेकर एक्ट और अन्य तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सब एक दूसरे की मदद करते हैं. तुलसी गांव में जो युवा वीडियो बनाने के काम में लगे हैं,उनमे से अधिकांश कॉमेडी वीडियो बनाते हैं। सभी को कपिल शर्मा का शो बेहद पसंद हैं,इसलिए आस पास के लोग कहते हैं कि यह लाफ्टर चैम्पियंस का गांव है।
इस गांव की लगभग 30% आबादी YouTubers बन गए हैं जो आजीविका कमाने के लिए वीडियो बनाते हैं। ज्ञानेंद्र शुक्ला एसबीआई में एक नेटवर्क इंजीनियर के रूप में काम करते थे, जहां उन्होंने यूट्यूब वीडियो देखा और अपनी खुद की वीडियो बनाने का फैसला किया। अभी उन्होंने अपने चैनल पर 250 से अधिक वीडियो बनाए हैं। उनके चैनल पर 1.15 लाख सब्सक्राइबर है।
महिला कलाकार और YouTuber पिंकी साहू ने कहा कि इन समूहों ने गांव की महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद की है। मुझे शुरू किए 1.5 साल हो गए हैं। हमारे पास लगभग 40 YouTube चैनल हैं। यहां हर कोई हमारे साथ काम करता है। यहां महिलाओं को आमतौर पर घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है लेकिन हमारे YouTube चैनल के माध्यम से हमने उन्हें बहुत सारी जानकारी दी है कि लड़कियां भी कुछ कर सकती है।
मनोरंजन से आय- तुलसी गांव रायपुर जिले के तिल्दा नेवरा के करीब पड़ता है। गांव के कलाकर मनोज यदु बताते हैं कि यूट्यूब चैनल के वीडियों में अभिनय करने वाले कलाकारों में बुजुर्ग ,युवा , बच्चे सभी शामिल हैं। निगमा छत्तीसगढ़िया के अलावा बीइंग छत्तीसगढ़िया चैनल भी यूट्यूब पर बेहद फेमस हैं,इन चैनलों के लाखो में सब्सक्राईबर हैं। ख़ुशी की बात है कि इस गांव के कलाकारों को अब थोड़ा बहुत ही सही अपने हुनर से रोजगार मिलें लगा है। किसी एक चैनल से 15000 रुपये तक ही आय हो रही है,लेकिन सभी चैनलों को मिला लिया जाए,तो तुलसी गांव की यूट्यूब से आय लाख से ऊपर हैं।
यदि यूट्यूब से पैसे कमाने के बारें में बात की जाए तो ऐसे अनेकों लोग हैं जो अपनी कला का प्रदर्शन करके कंटेंट क्रिएट करते हैं और से यूट्यूब पर अपलोड करके घर बैठे अच्छी कमाई कर रहे हैं। आज के समय में यूट्यूब सिर्फ इंटरटेनमेंट या एजुकेशन हासिल करने का जरिया ही नहीं है. अब यूट्यूब इससे काफी आगे बढ़ चुका है और ये लोगों के लिए आय का एक सोर्स बन चुका है.
सरकारी नौकरी छोड़कर बने यूट्यूबर्स
ज्ञानेंद्र शुक्ला और जय वर्मा इस गांव में रहने वाले दो दोस्त हैं, जो बाकी के लोगों की तरह ही यूट्यूब पर वीडियो बनाते हैं. यहां हैरानी की बात ये है कि दोनों ने यूट्यूब पर अपना करियर बनाने के लिए अपनी नौकरियां छोड़ दीं. ज्ञानेंद्र शुक्ला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नेटवर्क इंजीनियर के तौर पर काम करते थे. वह एसबीआई में काम करते हुए यूट्यूब वीडियो देखा करते थे. एक दिन उन्होंने तय किया कि अब वह अपना खुद का यूट्यूब चैनल बनाएंगे. अब तक उन्होंने यूट्यूब पर 250 से ज्यादा वीडियो बनाए हैं और उनके 1.15 लाख सब्सक्राइबर्स हैं.