पूर्व विधायकों के पेंशन में इजाफा , विधेयक हुआ पेस - CGKIRAN

पूर्व विधायकों के पेंशन में इजाफा , विधेयक हुआ पेस

 


राज्य के खजाने पर लगभग 16.96 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ 

बता दें की सरकार ने पूर्व विधायकों की पेंशन को बढ़ाने का फैसला कर लिया है इसके लिए सरकार ने विधानसभा में विधेयक पेस कर दिया है जिससे  छत्त्तीसगढ़ के पूर्व विधायकोें को अब प्रतिमाह 35,000 की जगह 58,300 रुपये पेंशन मिलेगी। सोमवार को विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने विधानसभा मेें छत्त्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्त्ते और पेेंशन संशोधन विधेयक 2023 पेश किया। छत्त्तीसगढ़ के पूर्व विधायकोें को अब प्रतिमाह 35,000 की जगह 58,300 रुपये पेंशन मिलेगी। सोमवार को संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने विधानसभा मेें छत्त्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्त्ते और पेेंशन संशोधन विधेयक 2023 पेश किया।

विधायकों को यह मिलता है-

विधायकोें का वेतन-20000

निर्वाचन क्षेत्र भत्त्ता- 55000

टेलीफोन भत्त्ता-10000

अर्दली भत्त्ता- 15000

दैनिक भत्त्ता-2000

विधानसभा मेें बैठक का भत्त्ता-1000

(विधायकोें को अब तक यह सुविधा मिलती थी)

हर पांच साल में बढ़ती है पेंशन

यदि हम पूर्व विधायकों की पेंशन की बात करे तो  हर पांच साल में बढ़ती है। पूर्व विधायकों को पहले पांच साल 35 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। 

विधेयक के अनुसार पूर्व विधायक सदस्यता के अपने पहले कार्यकाल (पांच साल से अधिक कार्यकाल) के बाद हर एक वर्ष के लिए प्रति माह एक हजार रुपए की अतिरिक्त पेंशन पाने का भी हकदार होगा। विधेयक में कहा गया है कि प्रत्येक मौजूदा सदस्य रेलवे/हवाई यात्रा के लिए मौजूदा आठ लाख रुपये प्रति वर्ष के बजाय 10 लाख रुपये प्रति वर्ष का भत्ता पाने का हकदार होगा। वहीं पूर्व विधायकों के लिए यह भत्ता चार लाख रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति वर्ष किया जाएगा।इसके अलावा पूर्व विधायक क्रमश: 10 हजार रुपये और 15 हजार रुपये का टेलीफोन भत्ता और अर्दली भत्ता पाने के हकदार होंगे। अधिकारियों ने बताया पहले पूर्व सदस्यों के लिए टेलीफोन और अर्दली भत्ते का कोई प्रावधान नहीं था।

बता दें की विधानसभा में पिछले वर्ष जुलाई माह में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में वृद्धि के लिए विधेयक पारित किया था, जिससे राज्य के खजाने पर 6.81 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ा था। उसके बाद अब  फिर से सरकार के खजाने पर 16.96 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ बढ़ जायेगा .

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