छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में 1 जून से लागू होगी कैशलेस व्यवस्था
मितानिनों को हर महीने 2200 रूपए मानदेय
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के विभागों से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा हुई। जिसे चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। बता दें कि इसके बाद मंत्री टीएस सिंहदेव ने बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि-छत्तीसगढ़ में एक जून से सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए कैशलेस व्यवस्था लागू होगी।स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन को बताया कि प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में आगामी एक जून से कैशलेस व्यवस्था चालू हो जाएगी। मरीजों को इलाज, जांच एवं दवाओं के लिए एक रूपया भी नहीं देना होगा। ओपीडी, आईपीडी, दवा एवं सभी तरह की डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदेशवासियों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस पर अपनी स्वीकृति दी है
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में बताया कि डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ प्रदेश के 85 प्रतिशत परिवारों को मिल रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत दुर्लभ एवं गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 20 लाख रूपए तक की राशि जरूरतमंदों को प्रदान की जा रही है। छत्तीसगढ़ आयुष्मान कार्ड बनाने में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा सिकलसेल से प्रभावित मरीज पाए जाने वाले राज्यों में से एक है। इसे पूरी गंभीरता से लेते हुए राज्य के हर जिले में सिकलसेल प्रबंधन केन्द्र की स्थापना कर देश में सर्वाधिक 51 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। प्रदेश में सिकलसेल की जांच के लिए पाईंट ऑफ केयर टेस्टिंग की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। इस टेस्ट से तत्काल पता चल जाएगा कि व्यक्ति सिकलसेल से पीड़ित है या नहीं।
छत्तीसगढ़ देश में मातृ मृत्यु दर में ज्यादा कमी लाने वाले राज्यों में शामिल है। हमें इसे और भी नीचे लेकर जाना है। पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की तारीफ राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। वहां ऐसी व्यवस्थाएं लागू की गई हैं, जो देश के किसी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नहीं है।
स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायता करने वाली मितानिनों को नए बजट में हर महीने 2200 रूपए का मानदेय देने की घोषणा हुई है। यह राशि विभिन्न योजनाओं के तहत उन्हें मिलने वाले प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त होगी।