बेरोजगारी भत्ते की शर्तें पर बेरोजगारों का फंसा पेंच , बेरोजगार हो रहे निराश, 1 अप्रैल से देने की थी घोषणा - CGKIRAN

बेरोजगारी भत्ते की शर्तें पर बेरोजगारों का फंसा पेंच , बेरोजगार हो रहे निराश, 1 अप्रैल से देने की थी घोषणा



डॉक्टर, इंजीनियर वकील पेशे वाले परिवार के सदस्यों को भी नहीं मिलेगा

चुनावी वर्ष में राज्य सरकार ने 2500 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का अपना वादा तो पूरा किया है, लेकिन नियमों में इतने पेंच लगा दिए हैं कि बेरोजगार पसोपेश में है कि आवेदन दें या न दें। छत्तीसगढ़ के लाखों बेरोजगारों को अगले महीने से बेरोजगारी भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा. एक अप्रैल से 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट में 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. राज्य के 12वीं पास युवाओं को हर महीने अब बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. हालांकि इसके लिए राज्य सरकार की तरफ कुछ शर्ते तय की गई हैं. बेरोजगारी भत्ता के लिए रोजगार कार्यालय में दो वर्ष का पंजीयन, परिवार की कुल वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम, परिवार में कोई सरकारी नौकरी न करता हो, परिवार में किसी को 10 हजार रुपये की पेंशन न मिलती हो, दो एकड़ से कम कृषि भूमि हो आदि नियम हैं।

जारी आकड़ो के अनुसार राज्य में लगभग 18 लाख से अधिक पंजीकृत बेरोजगार हैं। इनमें से करीब 50 हजार लोग बेरोजगारी भत्ता के पात्र हैं। विपक्ष इसे चुनावी शिगूफा बता रहा है। बेरोजगारी भत्ते के लिए रोजगार विभाग अभी तक पोर्टल तक नहीं बना पाया है। सरकार ने एक अप्रैल से बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन सर्वे शुरू नहीं होने की वजह से प्रदेश में बेरोजगारों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद कम जताई जा रही है। रोजगार विभाग की ओर से जिलों में रोजगार अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाना है।

रोजगार विभाग में पंजीकृत

कुल पंजीकृत- 18, 79,126

सरकारी नौकरी में-33,333

निजी क्षेत्रों में नौकरी- 50,725

(नोट-रोजगार कार्यालय में पंजीयन तीन वर्ष के लिए होता है- आंकड़े 2019 से फरवरी 2023 तक )


इन्हें नहीं मिलेगा बेरोजगारी भत्ता-  आदेश के मुताबिक शासन के द्वारा निर्धारित शर्ते में लागू होने वाले को ही बेरोजगारी भत्ता मिलेगा. किसे नहीं मिलेगा ये सरकार की तरफ से अपने आदेश में स्पष्ट बताया गया है. इसके अनुसार एक परिवार से एक ही व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा, यदि किसी परिवार के किसी व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जा चुका है तो दूसरा व्यक्ति अपात्र होगा. आवेदक के परिवार के किसी भी सदस्य को केन्द्र और राज्य सरकार की किसी भी संस्था, स्थानीय निकाय में चतुर्थ श्रेणी या ग्रुप-डी को छोड़कर अन्य नौकरी होने पर ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होगा. पेंशन भोगी जो 10 हजार रुपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं ऐसे परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे. वे परिवार जिन्होंने पिछले असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भरा हो उनके परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे. अन्य पेशेवर जैसे इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, चार्टड एकाउंटेंट और पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत आर्किटेक्ट के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे.

नौकरी का ऑफर ठुकराने वालों को भी नहीं मिलेगा भत्ता-  इसके आलावा यदि आवेदक को स्वरोजगार या सरकारी, प्राइवेट सेक्टर में किसी नौकरी का ऑफर दिया जाता है, लेकिन आवेदक ऑफर स्वीकार नहीं करता है तो ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होगा. पूर्व और वर्तमान मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और संसद या राज्य विधानसभाओं के पूर्व या वर्तमान सदस्यों, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे. 

प्रशासन के आदेश के अनुसार शिक्षित बेरोजगारों को एक साल तक के लिए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. इसके अलावा इन एक साल में जिन युवाओं को नौकरी नहीं मिलती है तो उनका बेरोजगारी भत्ता और एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. वहीं किसी भी प्रकरण में 2 साल से भत्ता देने की अवधि नहीं बढ़ाया जाएगा.

बेरोजगारों का कहना-  

बेरोजगारी भत्ते पर बने नियमों पर प्रदेश के विभिन्न् जिलों के बेरोजगारों ने कहा कि सरकार को नियमों में सरलता लानी चाहिए।बेरोजगारों का कहना है की नियम बहुत है इसे कम करना चाहिए . किसी ने कहा की प्लेसमेंट में नाम आ जाये और कम वेतन हो तो कैसे कोई जा सकता है तो उसे बेरोजगारी भत्ता नही दिया जायेगा एस नियम में भी संसोधन करना चाहिए.रायपुर के धरसींवा ब्लाक के साहू ने कहा कि कैंपस प्लेसमेंट में भाग लेने और निजी कंपनी में रोजगार का आफर स्वीकार नहीं करने पर भी बेरोजगारी भत्ता प्रदान नहीं किया जाएगा। ऐसे नियमों में फेरबदल होना चाहिए। 

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