विस चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में हो सकती है शराबबंदी, 10 अप्रैल से अंतिम राज्य मिजोरम का दौरा
दरअसल छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव 2018 के अपने चुनावी घोषणापत्र में छत्तीसगढ़ में सरकार बनने पर शराबबंदी का वादा किया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए बीते 21 जनवरी से टीम ने अपनी अध्ययन यात्रा की शुरूआत की है। शराबबंदी कमेटी के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में सात सदस्यीय दल सबसे पहले गुजरात के दौरे पर गया था। वहां से बिहार का दौरा भी कर देख चुके है अब अंतिम राज्य मिजोरम का दौरा कर वहां का हालत से वाकिब होकर रिपोर्ट पेश करेंगे। शराब बंद होने पर भी वहाँ अवैध शराब बिक्री के मामले सामने आ रहे हैं।
राज्य सरकार ने चुनावी घोषणा-पत्र में शराबबंदी का एलान तो कर दिया है, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक चुनाव के पहले शराबबंदी का मुद्दा भाजपा के लिए बड़ा हथियार साबित हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस के लिए यही एक ऐसा विषय है, जिस पर सरकार बैकफुट पर है। इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार अपने घोषणा पत्र में किए वादे को पूरा कर सकती है। यानी राज्य सरकार चुनाव से पहले प्रदेश में शराबबंदी लागू कर सकती है।
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में अपने किए गए घोषणा पत्र के अनुसार छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर प्रयासरत है। इस दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं। शराबबंदी के बाद राज्यों में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का अध्ययन करने के लिए बनी राज्य सरकार की राजनीतिक समिति बिहार के बाद अब मिजोरम का दौरा करेगी।विधानसभा चुनाव के पहले समिति का यह अंतिम दौरा माना जा रहा है। इससे पहले समिति के पदाधिकारी गुजरात और बिहार का दौरा कर चुके हैं।
शराबबंदी के लिए बनी समिति की रिपोर्ट मिजोरम दौरे के बाद एक साथ सरकार को सौंपी जा सकती है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार शराबबंदी पर फैसला लेगी। प्रदेश में शराबबंदी होगी या नहीं फिलहाल ये कहना जल्दबाजी होगी। क्योंकि बस्तर के लोग पूजा पाठ में भी शराब का उपयोग करते हैं, इसलिए बस्तर में शराबबंदी का सवाल ही नहीं उठता। बस्तर के लिए अलग से नियम हो सकते है। वहां शराबबंदी करना पंचायत तय करेगी।
रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा 10 अप्रैल से शुरू होने वाले मिजोरम के दौरे पर विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। चार दिवसीय दौरे के दौरान शराबबंदी से उत्पन्न स्थिति के विभिन्न पहलुओं की जांच की जाएगी। बिहार दौरे के बाद, समिति ने शराबबंदी के लिए कई बाधाओं की पहचान की। यह भी दावा किया गया कि शराबबंदी खत्म होने के बाद भी राज्यों में शराब की बिक्री जारी रही।राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कमेटी गठित की है, जिसके अध्यक्ष सीनियर विधायक सत्यनारायण शर्मा हैं।