छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी तीन दिवसीय हड़ताल पर
11 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के 450,000 सरकारी कर्मचारियों ने तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है. छत्तीसगढ़ कर्मचारी और अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले पूरे राज्य के कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे. अगर इसके बाद भी उनकी पेंडिंग मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. यह हड़ताल 29 दिसंबर से 31 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में ब्लॉक और जिला स्तर पर की जाएगी. इस हड़ताल से सरकारी कामकाज प्रभावित होगा. केंद्र के समान डीए, एरियर्स, पिंगुआ कमिटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और मोदी गारंटी को पूरा करने समेत 11 सूत्रीय मांग है.
सरकारी कर्मचारियों की ये हैं 11 सूत्रीय मांग
मोदी की गारंटी अनुसार, प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र सरकार के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) दिया जाए.वर्ष 2019 से लंबित DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए.राज्य के शिक्षकों, लिपिकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए.राज्य में चार स्तरीय पदोन्नत समयमान वेतनमान क्रमशः 8, 16, 24, 32 वर्ष में दिया जाए.सहायक शिक्षकों और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को भी त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए. इसके अलावा नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन और समयबद्ध पदोन्नति दी जाए.प्रदेश में अन्य भाजपा शासित राज्यों की भांति कैशलेस सुविधा लागू की जाए.राज्य में अनुकंपा नियुक्ति निःशर्त लागू करने के लिए स्थायी आदेश जारी किया जाए. वर्तमान में 10 प्रतिशत सीलिंग समाप्त करते हुए सीधी भर्ती के समस्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाए.मध्य प्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस किया जाए.प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए समस्त सेवा लाभ दिया जाए. वहीं राज्य के पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए.राज्य के विभिन्न विभागों में सेटअप पुनरीक्षित नहीं होने के कारण अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जाए.प्रदेश में कार्यरत कार्यभारित, अनियमित, दैनिक वेतनभोगी, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करते हुए नियमित पदस्थापना में नियुक्त किया जाए.
