छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का महाअभियान शुरू, धान खरीदी पर बोले CM साय- किसानों की मेहनत का सम्मान हमारा संकल्प
छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू कर दी है। इस वर्ष भी किसानों को प्रति क्विंटल ₹3,100 प्रति क्विंटल तय किया गया है। धान खरीदी का महाअभियान राज्य के सभी जिलों में 31 जनवरी तक चलेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर धान खरीदी के लिए चाक-चौबंद और पारदर्शी व्यवस्था की गई है। इस साल राज्य में 2,739 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, जहां किसानों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। वहीं, भुगतान की सुविधा सुगम बनाने के लिए माइक्रो एटीएम भी स्थापित किए गए हैं। खरीदी के पहले दिन प्रदेश के 195 उपार्जन केन्द्रों में 19,464 क्विंटल धान की खरीदी की गई।
खरीदी प्रक्रिया में किसी भी तरह की बाधा न आए, इसके लिए सरकार ने सख्ती दिखाते हुए एस्मा एक्ट 1979 लागू कर दिया है। धान खरीदी को अतिआवश्यक सेवा मानते हुए, सरकार ने 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक पूरी अवधि के लिए कर्मचारियों पर छत्तीसगढ़ आवश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 लागू कर दिया है। आदेश के मुताबिक, खरीदी में ड्यूटी पर लगाए गए सभी कर्मचारियों (समिति प्रबंधक, आरईओ, पटवारी, पंचायत विभाग के कर्मचारी आदि) को काम करना अनिवार्य होगा। लापरवाही बरतने या काम करने से इनकार करने वाले कर्मचारियों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी और उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
किसानों का हुआ फूल-मालाओं से स्वागत
धान खरीदी के पहले दिन राज्यभर के खरीदी केंद्रों में किसानों का स्वागत फूल-मालाओं के साथ किया गया। विभिन्न जिलों में मंत्री, सांसदों, विधायकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने धान खरीदी का विधिवत् शुभारंभ किया। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बिलासपुर जिले के सेंदरी धान खरीदी केंद्र में खरीदी की शुरुआत की, वहीं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले के महाराजपुर धान खरीदी केंद्र में धान खरीदी का शुभारंभ किया। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने सूरजपुर जिले के चंद्रपुर धान खरीदी केंद्र में विधि-विधान के साथ खरीदी प्रारंभ की और किसानों का फूल-मालाओं से अभिनंदन किया। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने बलरामपुर जिले के डौरा-कोचली धान खरीदी केंद्र में पहुंचकर किसानों का स्वागत करते हुए खरीदी प्रक्रिया की शुरुआत की।
सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने बस्तर जिले के पल्ली धान खरीदी केंद्र में पूजा-अर्चना कर खरीदी अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया। इसी क्रम में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कांकेर जिले के मालगांव धान खरीदी केंद्र में इलेक्ट्रानिक तौल मशीन और किसानों द्वारा लाए गए धान की पारंपरिक रीति से पूजा-अर्चना कर खरीदी का आरंभ किया। कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने महासमुंद जिले के झालखमरिया धान खरीदी केंद्र में धान खरीदी की औपचारिक शुरुआत की। स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने रायगढ़ जिले के कोड़ातराई उपार्जन केंद्र में धान खरीदी योजना का विधिवत शुभारंभ किया।
धान खरीदी पर बोले CM साय- किसानों की मेहनत का सम्मान हमारा संकल्प
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का काम शुरू हो गया है. इसको लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव ने कहा कि धान की खरीदी छत्तीसगढ़ के किसानों की मेहनत और सरकार पर उनके विश्वास का उत्सव है. धान खरीदी को पूर्ण रूप से पारदर्शी समयबद्ध तरीके से संचालित किया जाएगा और किसानों के पैदा किए गए धान की खरीदारी सरकार करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कदम पर हमारी प्राथमिकताएं किसानों को सुविधा देना है. सम्मानजनक तरीके से उनके धान को खरीदना है और समय पर किसानों के खाते में पैसा चला जाए यह सुनिश्चित करना हैमुख्यमंत्री ने कहा कि धान की खरीदी के लिए सभी तैयारियां को समय से पूरा कर लिया गया था. जो भी किसान अपना धान बेचने के लिए आएंगे उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए इसके लिए सभी जिले के जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. धान खरीदी की व्यवस्था को तकनीकी सक्षम बनाया गया है. इस साल तूंहर टोकन एप, GPS आधारित परिवहन सतर्क ऐप और कमांड-कंट्रोल सेंटर जैसे आधुनिक सिस्टम लागू किए गए हैं.
कवर्धा में धान खरीदी का शुभारंभ, डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने किसान का फूलमाला से किया स्वागत
छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत हो गई है. कवर्धा में इस अवसर पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा बोड़ला विकासखण्ड के ग्राम महाराजपुर धान उपार्जन केन्द्र में पहुंचे. उन्होंने यहां धान बेचने आए किसान का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया. इस अवसर पर डिप्टी सीएम ने किसानों को तिलक लगाया और धान खरीदी की शुभकामनाएं दी.
धान खरीदी के पहले दिन सुकमा के केंद्रों में दिखा ताला, बंद दरवाजे, किसान परेशान
किसानों की बेचैनी बढ़ती जा रही है: धान पूरी तरह तैयार है और ग्रामीण इलाकों में कटाई-मड़ाई का काम तेजी से पूरा किया जा चुका है. ऐसे में किसान उम्मीद लगाए बैठे थे कि 15 नवंबर से खरीदी शुरू होने से उन्हें राहत मिलेगी. लेकिन जब केंद्र बंद मिले, तो किसानों में नाराज़गी देखने को मिली.
सवाल यह है कि जब खरीदी शुरू होने की तारीख पहले से तय थी, तो फिर वैकल्पिक व्यवस्था पहले से क्यों नहीं तैयार की गई? किसानों का कहना है कि खरीदी शुरू होने के दावे कागज़ों पर चल रहे हैं.
