जंगलों से निकलकर शहर में पांव पसारने की कोशिश में लगे माओवादी
बीते वर्षों में पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों की कार्रवाई में यह सामने आया है कि जंगलों से निकलकर माओवादी शहरी क्षेत्रों में पांव पसारने की कोशिश कर रहे है। शहरी माओवादी नेटवर्क सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बनी हुई है। यहीं वजह है कि राज्य सरकार ने शहरी माओवाद के खात्मे को लेकर एक समन्वित रणनीति बनाई है। खुफिया तंत्र को मजबूत किया जा रहा है और साइबर मानिटरिंग के जरिए संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पकड़े गए दो नक्सलियों को लेकर बड़े खुलासे हो रहे हैं। राजधानी के चंगोराभाठा से गिरफ्तार नक्सली जग्गू और कमला कोई साधारण मेंबर नहीं हैं बल्कि वह माओवादी संगठन के हार्डकोर मेंबर थे। उनके पास संगठन विस्तार की जिम्मेदारी थी। पहचान छिपाकर वह किराये के मकान में रह रहे थे और लोगों को दिखाने के लिए मजदूरी करते थे जबकि उनका वास्तविक काम राज्य में माओवादी विचारधारा का मजबूत करने का था। जग्गू नक्सली संगठन में डिवीजन कमेटी मेंबर था और उसकी पत्नी कमला एरिया कमेटी मेंबर छी। दोनों को उत्तर-पश्चिम बस्तर डिवीजन का चार्च मिला था। दोनों फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। संगठन विस्तार के काम से वह रायपुर में रह रहे थे।
नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके घर की तलाशी ली। इस दौरान पुलिस को कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इसके साथ ही उनके पास से एक बैग मिला है जिसमें 12 लाख रुपये थे। दोनों के पास से एक-एक मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं। फिलहाल पुलिस उनकी जांच कर रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, दोनों बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के ग्राम सावनार के रहने वाले थे।
रायपुर में एनआईए ने एक और माओवादी को गिरफ्तार किया है। आरोपी माओवादी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया गया है। कुछ दिन पहले भी रायुपर में 13 लाख के इनामी माओवादी दंपती को पकड़ा गया है। गिरफ्तार माओवादी के पास से सोने का बिस्किट और नकद बरामद हुआ है। हाल ही में शहरी क्षेत्र से माओवादी के पकड़े जाने की यह दूसरी घटना है। पिछले दिनों रायपुर से 13 लाख के इनामी माओवादी दंपती को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार दंपती से पूछताछ में पता चला है कि उनका काम शीर्ष माओवादियों के लिए शहरी क्षेत्रों में छिपने के लिए ठिकाने की तलाश करना था।
राजधानी में कई मेंबर हो सकते हैं
बस्तर के इलाके में सुरक्षाबल के जवान लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। जिस कारण से नक्सली संगठन कमजोर हो रहे हैं। वह अपनी जान बचाकर जंगलों से निकलकर शहरों में छिप रहे हैं। वहीं, नक्सली संगठन अपेन बड़े लीडर, थिंक टैंक से जुड़े लोगों को बचाने के प्रयास में है। पुलिस को आशंका है कि राजधानी रायपुर में कई मेंबर एक्टिव हो सकते हैं। पुलिस दोनों गिरफ्तार नक्सलियों को पकड़ने के बाद आगे भी कार्रवाई कर सकती है।
जग्गू के पास था अहम काम
जानकारी के अनुसार, जग्जू के पास नक्सली संगठन की अहम जिम्मेदारी थी। वह संगठन का डीवीसीएम था। उसके अधिकार क्षेत्र में 9 एरिया सबडिवीजन था। इन डिवीजन में नक्सल संगठन को मजबूत करना, संगठन का विस्तार करना और हमले की प्लानिंग समेत कई चीजें शामिल थीं। इन सबका काम जग्गू ही देखता था।
