आज सावन का तीसरा सोमवार, विनायक चतुर्थी का खास संयोग
आज सावन का तीसरा सोमवार है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि कब आप भगवान शिव पर जलाभिषेक कर सकते हैं. किस शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं. आज, 28 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है. हिंदू धर्म में सावन महीने को काफी पवित्र माना गया है और यह महीना भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. बता दें कि आज, 28 जुलाई को दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसके चलते तीसरे सोमवार बेहद ही खास है. ऐसे में यहां जानते हैं जलाभिषेक शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजा सामग्री.
सावन का तीसरा सोमवार बेहद ही खास है, क्योंकि आज सावन सोमवार पर विनायक चतुर्थी का संयोग भी बन रहा है, जिसके कारण ये काफी पवित्र माना जा रहा है. विनायक चतुर्थी के मौके पर महादेव के साथ साथ भगवान गणेश की भी उपासना की जाएगी. कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और भगवान गणेश की पूजा करने से एक शक्तिशाली आध्यात्मिक का निर्माण होता है.
बता दें कि सावन के किसी भी सोमवार के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में जलाभिषेक करना बेहद ही शुभ होता है. इसके अलावा आप अभिजीत मुहूर्त में भी भगवान शिव को जलाभिषेक कर सकते हैं.
1. ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4:17 बजे से लेकर सुबह 4: 59 बजे तक
2. अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से लेकर 12:55 बजे तक
3. प्रदोष काल- शाम 7:15 बजे से लेकर रात 8:33 मिनट तक
सावन के तीसरे सोमवार पूजा सामग्री
आज सावन महीने का तीसरा सोमवार है. ऐसे में आप भगवान शिव के लिए उपवास रखें हैं तो यहां जानेंगे कि आप अपनी पूजा में क्या-क्या सामग्री रख सकते हैं. बता दें कि भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश को पूजा करने के लिए गंगाजल, शहद, दही, घी, दूध, गन्ना का रस, पंचामृत, सफेद चंदन, हल्दी, पीला सिंदू, कपड़ा, सफेद फूल, भांग, धतूरा, फल , बेलपत्र, फल, दूर्वा, दीप, अक्षत आदि पूजा सामग्री में रख सकते हैं.
सावन के तीसरे सोमवार की पूजन विधि
1. सावन महीने के तीसरे सोमवार को सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें.
2. इसके बाद साफ और सुथरा वस्त्र धारण करें. पूजा घर को सफाई करें.
3. शिवलिंग, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ती स्थापित करें. या तो आप शिव मंदिर या शिवालय भी जा सकते हैं.
4. अब शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, गन्ना का रस, पंचामृत, घी से भगवान शिव और माता पार्वती को स्नान कराएं. आप भगवान गणेश को जल अर्पित कर सकते हैं.
5. अब वस्त्र चढ़ाए. चंदन, रोली, हल्दी अर्पित करें.
6. इसके बाद फूल, धतूरा, बेलपत्र, अक्षत अर्पित करें. भगवान गणेश को दूर्वा भी अर्पित करें.
7. बेलपत्र पर चंदन या हल्दी से ऊं नम: शिवाय या जय श्री राम लिखें.
8. अब बेलपत्र भगवान शिव पर चढ़ाएं.
9. भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश जी को फल-प्रसाद का भोग लगाए.
10. महामृत्युंजय मंत्र या ऊं नमः शिवाय का 108 बार जाप जाप करें.
11. अब शिव चालीसा का पाठ करें.
12. इसके बाद आरती करें
13. भभगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश जी को प्रणाम करें और आशीर्वाद लें.
14. भूल चूक के लिए क्षमा मांगे.