नक्सल संगठन को बड़ा झटका :बारिश में नक्सलियों की टूटी कमर, 67 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण - CGKIRAN

नक्सल संगठन को बड़ा झटका :बारिश में नक्सलियों की टूटी कमर, 67 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण


 छत्तीसगढ़ में 'लाल आतंक' को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है।सुरक्षाबलों के बस्तर में चलाए जा रहे नक्सल ऑपरेशन का तगड़ा असर अब दिख रहा है.  बस्तर संभाग में 67 नक्सलियों ने आज 24 जुलाई को हरेली तिहार पर सरेंडर किया है। बस्तर में नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है. बीजापुर में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. नक्सली दंपति सहित कुल 25 लोगों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. इनमें कांकेर जिले में 13, नारायणपुर जिले में 8, सुकमा में 5, दंतेवाड़ा में 16 और बीजापुर में  25 नक्सलियों ने आज पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। बीते दो साल में जिस तरीके से बस्तर में फोर्स को नक्सल एनकाउंटर में सफलता मिली है. उससे लाल आतंक अब बैकफुट पर आता दिख रहा है. इसके अलावा नियद नेल्लानार योजना और लोन वर्राटू अभियान का असर भी बस्तर के कई जिलों में दिख रहा है. 

नारायणपुर में भी माओवादियों के बड़े लीडर डीवीसीएम, पीपीसीएम, एसीएम, पार्टी सदस्य एवं जनताना सरकार अध्यक्ष सहित 4 पुरूष और 4 महिला माओवादियों ने सरेंडर किया है. आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का चेक दिया गया. आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाई जाएगी.

सरेंडर नक्सलियों को दी गई 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि

नक्सल मोर्चे पर कांकेर पुलिस को भी बड़ी सफलता मिली है. 62 लाख के ईनामी 13 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इनमें 5 महिला नक्सली भी शामिल हैं. सभी नक्सली लंबे समय से नक्सल संगठन में सक्रिय थे. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कंपनी कमांडर भी शामिल है. एसपी आई कल्याण एलिसेला ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को शासन की पुनर्वास नीति के तहत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई है.

बदलाव की ओर एक मजबूत कदम

एसपी एलिसेला ने कहा, यह आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों की रणनीति की सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि माओवादी विचारधारा अब अपने अंतिम दौर में है. “पूना मारगेम” जैसी पहलें उन लोगों को एक नई शुरुआत का अवसर दे रही है, जो हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं.

इस साल अब तक 242 नक्सली कर चुके आत्मसमर्पण

बस्तर आईजी पी.सुंदरराज, डीआईजी कमलोचन कश्यप, सीआरपीएफ डीआईजी बीएस नेगी, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूलेण्डन यार्क, डीएसपी शरद जायसवाल, उप पुलिस अधीक्षक विनीत साहू एवं अन्य अधिकारियों के समक्ष नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को अधिकारियों ने 50-50 हजार रुपए नगद राशि दी. बता दें कि साल 2025 में अब तक कुल 242 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. वहीं वर्ष 2025 में अब तक कुल 300 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. 127 माओवादियों को अलग-अलग मुठभेड़ में सुरक्षाबल के जवानों ने मार गिराया है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ समेत देश को नक्सलमुक्त करने के संकल्प को लेकर राज्य सरकार के मार्गदर्शन में फोर्स बस्तर संभाग के नक्सलियों की मांद में घुसकर उनका मुकाबला कर रही है। उन्हें मौत की नींद सुला रहे हैं। इस वजह से भयभीत नक्सली अपनी जान बचान के लिये सरेंडर करने में ही अपनी भलाई सोच रहे है। केंद्र और राज्य सरकार ने कई बार नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटन की गुजारिश की थी। जिसका नतीजा भी देखने को मिल रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री शाह और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कई बार चर्चा में कहा कि नक्सली मुख्यधारा में लौटे या जवानों की गोली का सामना करने के लिये तैयार रहे। 

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