इंदौर से सीखी तकनीक, अब रायपुर में नई स्वच्छता क्रांति की होगी शुरुआत: महापौर
नगर निगम रायपुर महापौर मीनल चौबे ने इंदौर में हुए दो दिवसीय कार्यक्रम से लौटने के बाद रायपुर की स्वच्छता और विकास के लिए कई ठोस कदमों की घोषणा की. महापौर ने बताया कि इंदौर से मिले अनुभव और मॉडल को रायपुर में अपनाकर शहर को स्वच्छता के मामले में नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास किया जाएगा. इंदौर में चल रही जनजागरूकता मुहिम से सीख लेकर रायपुर में भी एनजीओ के सहयोग से जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इस संबंध में राज्य शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया है.महापौर मीनल चौबे ने कहा कि नगर निगम रायपुर द्वारा ठेके पर संचालित स्वच्छता कार्यों की निगरानी के लिए एक विशेष टास्क फोर्स गठित की जाएगी, जो आउटसोर्सिंग एजेंसियों के कार्यों की नियमित समीक्षा करेगी. महापौर ने स्पष्ट किया कि रायपुर शहर को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने के लिए यह एक व्यापक, ठोस और दीर्घकालिक योजना है, जिसमें जनभागीदारी और तकनीकी नवाचार की अहम भूमिका होगी.
महापौर ने इंदौर मॉडल से प्रेरित 'आत्मनिर्भर वार्ड', कपड़े की रिसाइकलिंग, और कवर्ड नाली सिस्टम को रायपुर में लागू करने की योजना भी साझा की. मीनल चौबे ने कहा कि रायपुर में हर वार्ड का नक्शा तैयार कर उसमें नालियों, सड़कों, तालाबों, सार्वजनिक भवनों और अन्य शहरी सुविधाओं की स्पष्ट जानकारी दी जाएगी. यह नक्शा वार्ड डेवेलपमेंट प्लान और सिटी डेवेलपमेंट प्लान के रूप में काम करेगा.
इंदौर का सफाई मॉडल रायपुर में होगा लागू: महापौर चौबे ने कहा कि रायपुर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए आमजन को जागरूक किया जाएगा. इसमें एनजीओ की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही शहर के सभी 10 जोनों में आरआरआर (रियूज, रिड्यूस, रिसाइकल) केंद्र खोलकर उनके प्रभावी संचालन के लिए एनजीओ के सहयोग से रणनीति बनाई जा रही है.
सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल होगा कम: महापौर ने बताया कि शत-प्रतिशत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए 20 सदस्यीय टीम बनाई जाएगी, जो सफाई वाहनों की मॉनिटरिंग करेगी। इंदौर की तर्ज पर कचरे को 6 श्रेणियों में सेग्रीगेट (छांटना) करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे वैज्ञानिक तरीके से कचरे का प्रबंधन हो सकेगा.