बस्तर में फोर्स का खौफ,तेलंगाना पुलिस के सामने 14 नक्सलियों ने किया सरेंडर
बस्तर के सीमावर्ती तेलंगाना में बस्तर के नक्सली बड़े पैमाने पर सरेंडर कर रहे हैं। सीमा पार सरेंडर का आंकड़ा अब बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को तेलंगाना के भद्रादि कोत्तागुड़ेम जिले में बस्तर के 14 नक्सलियों ने सरेंडर किया। सरेंडर करने वालों में 13 नक्सली बीजापुर जिले के रहने वाले थे। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जब दंतेवाड़ा आए थे, तब अप्रैल के महीने में 64 नक्सलियों ने तेलंगाना में समर्पण किया था। तब भी बस्तर के नक्सलियों ने वहां समर्पण किया था।
नक्सली सूत्रों के मुताबिक सीमा पर बढ़ते समर्पण का मुख्य कारण तेलंगाना की समर्पण नीति का छत्तीसगढ़ से बेहतर होना है। इसके अलावा नक्सली वहां समर्पण करना इसलिए चुनते हैं क्योंकि वहां के माहौल को वे सुरक्षित बताते हैं। बस्तर में समर्पण के बाद भी उनके मन में भय रहता है। तेलंगाना में उन्हें ज्यादा महत्व मिलता है। वहां की पुलिस उन्हें बेहतर तरीके से उपयोग करती है। जबकि छत्तीसगढ़ में सरेंडर के बाद सिर्फ डीआरजी में शामिल होने व अन्य काम का विकल्प दिया जा है। हालांकि इस बारे में बस्तर आईजी सुंदरराज पी. का कहना है कि छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति तेलंगाना से बेहतर है। समर्पित नक्सलियों के लिए सरकार बेहतर माहौल और काम उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है।
छत्तीसगढ़ की सरकार ने इसी साल नक्सल समर्पण नीति में संशोधन किया है। नक्सलियों को समर्पण के बाद ज्यादा से ज्यादा लाभ देने की कोशिश की जा रही है। लेकिन बस्तर के नक्सली वहां समर्पण करना ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं। समर्पण के बाद नक्सलियों ने इस बात को खुद स्वीकारा है बस्तर में वापस गांव लौटना भी संभव नहीं होता। बता दें कि बस्तर में कई पूर्व नक्सलियों की अपने गृहग्राम लौटने पर हत्या हो चुकी है।
जनवरी से लेकर अब तक यहां 227 नक्सलियों ने समर्पण किया
तेलंगाना पुलिस के अनुसार राज्य की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सलियों ने सरेंडर किया है. उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने संगठन के विचारों से मोहभंग होने और उसके भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद के कारण समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सुरक्षित पारिवारिक जीवन जीने के लिए सरेंडर किया. इसके अलावा बस्तर के फोर्स द्वारा चलाए जा रहे आपरेशन से डरकर नक्सली मुख्यधारा में जुड़ने के उद्देश्य से पुलिस के सामने सरेंडर कर रहे हैं. जनवरी से लेकर अब तक कोत्तागुड़ेम पुलिस के सामने 227 नक्सलियों ने समर्पण किया है. जिसमें 1 डीवीसीएम, 11 एसीएम, 27 पार्टी सदस्य, 76 मिलिशिया सदस्य, 26 आरपीसी कमेटी मेंबर, 41 डीएकेएमएस, 27 सीएनएम एवं 18 जीआरडी शामिल हैं.