हनुमान जयंती 2025: यहां बजरंग बली ने रखा था शिवलिंग - CGKIRAN

हनुमान जयंती 2025: यहां बजरंग बली ने रखा था शिवलिंग


हनुमान जयंती पर रायपुर के संकटमोचन मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। सुबह 5 बजे से ही लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। राजधानी के पूरे हनुमान मंदिर जय श्रीराम की जयघोष से गूंज रहे हैं। रायपुर के महादेवघाट स्थित हनुमान मंदिर में भारी संख्या में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान मंत्रोच्चारण के बीच विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। 

1402 ईसवीं में कल्चुरी वंश के राजा रामचंद्र के पुत्र ब्रह्मदेव राय के शासन काल में हाजीराज नाइक ने हटकेश्वर नाथ मंदिर का निर्माण करवाया था। ऐसी मान्यता है कि यहां नंदी महाराज के कानों में जो भक्त फरियाद या मन्नत मांगते हैं, उसकी भगवान शिव मुरादें जरूर पूरी करते हैं। सावन के महीने में यहां रायपुर और प्रदेश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ के कई जिलों से श्रद्धालु कांवर लेकर पहुंचते हैं। हर साल कांवर पदयात्रा भी निकाली जाती है। 

धार्मिक मान्यताओं और पुराणों के अनुसार, जहां भगवान श्रीराम लंका पर चढ़ाई के लिए रामेश्वरम में समुंद्र पर पुल बनाने की योजना बनाई तो उस समय बजरंग बली को शिवलिंग लाने के लिए कहा गया था। इस पर बजरंग बली शिवलिंग लाने गए। इस दौरान शिवलिंग लाने में काफी देर हुई, तो भगवान राम ने रामेश्वरम में रेत से ही विधि-विधान से पूजा अर्चना कर शिवलिंग की स्थापना कर दी थी। जब बजरंग बली शिवलिंग लेकर पहुंचे तो भगवान राम ने उस शिवलिंग को किसी नदी के किनारे रखने के लिए कहा गया। कहा जाता है कि भगवान हनुमान ने रायपुर में खारून नदी के तट पर शिवलिंग रखकर चले गए, जो कालांतर में हटकेश्वर नाथ के  नाम से विख्यात हुआ। 

हरिद्वार के लक्ष्मण झूला की तर्ज पर यहां बने लक्ष्मण झूला काफी मनोरम है। जिस पर व्यक्ति पैदल चलकर हिलते हुए झूले का आनंद लेते हैं। छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और इस कंपन वाले झूले का आनंद लेते हैं। वहीं खारून नदी में नाव की सवारी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। यहां पहुंचने वाले सैलानी सुबह-शाम नाव से सवारी करते हैं। पास में बने गॉर्डन यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। रायपुर सहित अन्य जिलों के सैलानी यहां बड़ी संख्या पहुंचकर इसका आनंद लेते हैं। शहर की जीवनदायिनी नदी 'खारुन' तट पर स्थित ऐतिहासिक हटकेश्वरनाथ मंदिर का विशेष महत्व है।

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