दसवीं फेल, SPO से बना ठेकेदार, मुकेश चंद्राकर की हत्या से उठे अनेकोनेक सवाल...अधर में हैं जवाब…
छत्तीसगढ़ में बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में सुरेश चंद्राकर को मुख्य आरोपी बनाया है. पुलिस ने दावा किया है कि इस हत्याकांड को महेंद्र रामटेके और रितेश चंद्राकर ने मिलकर अंजाम दिया है. घटना के बाद से सुरेश फरार है. पुलिस ने दिल्ली से उसके भाई रितेश चंद्राकर को हिरासत में लिया है. छत्तीसगढ़ में बीजापुर के जांबाज पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में 3 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. आरोप है कि मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर और उसके भाई रितेश चंद्राकर ने मिलकर मुकेश की हत्या की है. 2005 में रमन सरकार द्वारा सलवा जुडूम आंदोलन के खिलाफ बनाए गए स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) के तहत बस्तर के युवाओं की भर्ती की गई थी, जिसमें सुरेश भी एसपीओ बना था. स्पेशन पुलिस ऑफिसर का काम सरकार ओर पुलिस को सूचनाएं देने के साथ सहयोग करना था. इसके बाद सुरेश चंद्राकर ने ठेकेदारी का काम शुरू किया.
सुरेश 10 वीं फेल है. स्थानीय पत्रकारों की माने तो बस्तर में ही वह PWD के जरिए सड़क, भवन आदि कंस्ट्रक्शन का काम करता था. कथित भ्रष्टाचार के जरिए कम समय में सुरेश ने करोड़ो का एम्पायर खड़ा कर लिया. बताया जाता है कि सुरेश ने अपनी बारात हेलीकॉप्टर से बस्तर लेकर गया था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आया. अंधाधुंध पैसे कमाने के बाद सुरेश ने पॉलिटिक्स में एंट्री ली. कांग्रेस की ओर से उसे महाराष्ट्र चुनाव में स्टार प्रचारक की श्रेणी में भेजा गया था.
वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के साथ उनके घनिष्ठ संबंध भी बताए जाते हैं. कांग्रेस की तरफ से उसे प्रकोष्ठ आदि में पदाधिकारी भी बनाया गया था. स्थानीय पत्रकारों कि माने तो मुकेश ने दिसंबर माह में बीजापुर जिले की एक सड़क में हुए भ्रष्टाचार को लेकर खबर की थी. यह सड़क गंगालूर से नेलसनार तक बनाई जा रही थी. 52.40 किलोमीटर की इस सड़क में हुए भ्रष्टाचार को जब मुकेश ने उजागर करते हुए बताया कि इसकी लागत पूर्व में 56 करोड़ थी, उसे रिटेंडर किए जाने के बाद लगभग 120 करोड़ तक लागत बढ़ा दी गई.
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि फरार कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर के लिए पुलिस की 4 टीमें भेजी गई है. पुलिस गिरफ्तारी के बाद ही 3 से 4 हफ्तों में मामले को फास्ट ट्रैक कर कोर्ट ने चालान पेश कर दिया जाएगा. विजय शर्मा ने बताया कि कांग्रेस नेता सुरेश की नियुक्ति कर पार्टी द्वारा अक्टूबर 2023 में जिले का प्रभारी बनाया है.
सीएम साय ने जताया दुख
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर शोक जताया है। परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। सीएम साय ने कहा कि इस घटना के अपराधी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख की घड़ी में संबल प्रदान करें।
एक जनवरी को अचानक हुए लापता
मुकेश ने एक बड़े मीडिया संस्थान के लिए इस भ्रष्टाचार की एक विशेष रिपोर्ट तैयार करने में रायपुर से गए संस्थान के पत्रकार की मदद की. रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे इस भ्रष्टाचार में ठेकेदार से लेकर विभाग के अफसर तक संलिप्त हैं. जिससे आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर नाराज बताया जा रहा था. इसी के बाद सुरेश के भाई रितेश ने चालाकी से मुकेश को अपने फॉर्म हाउस में 1 जनवरी को बुलवाया था. उसके बाद से उसका फोन बंद हो गया.
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद दिल्ली भाग गया था रितेश
हत्याकांड को अंजाम देने के अगले दिन रितेश बीजापुर से रायपुर होते हुए दिल्ली पहुंच गया. पुलिस ने रितेश को दिल्ली से गिरफ्तार भी कर लिया है जबकि महेंद्र और दिनेश को बीजापुर में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने माना है कि घटना का मास्टरमाइंड सुरेश चंद्राकर है. इसलिए उसे मुख्य आरोपी बनाया गया है. सुरेश चंद्राकर अभी तक फरार है, पुलिस उसके लोकेशन को ट्रेस कर रही है और जल्द गिरफ्तारी का दावा कर रही है.
हेलीकॉप्टर से गई बरात, चर्चा में आया ठेकेदार
बस्तर के पत्रकारों के बीच इस बात को लेकर भी चर्चा है कि आरोपी ठेकेदार की शादी, जिसमें उसकी बारात हेलीकॉप्टर से बस्तर आई थी की यह खबर जब लोगों के बीच पहुंची तो इसके पीछे मुकेश द्वारा खबर फैलाने की बात सामने आई थी.सूत्रों की माने तो यही वो घटना थी जिसको लेकर आरोपी ठेकेदार मुकेश से नाराज था. जिसके बाद सड़क के रिटेंडर की खबर जब बाहर आई तो इसका खामियाजा मुकेश को अपनी जान गंवाकर देना पड़ा.
आसानी से भागने में कैसे सफल हो गया सुरेश
विजय शर्मा ने बीजेपी सरकार इस घटना को लेकर कितनी संजीदा है यह तो बता दिया. लेकिन अब भी कई ऐसे सवाल ही पत्रकार और जनता के बीच कौंध रहे हैं. भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हुई तो मुकेश की हत्या के लिए किसने सुरेश रितेश को उकसाया. जब एक जनवरी को मुकेश लापता हुए और उसके भाई युकेश ने इसकी सूचना पुलिस को दी तब पुलिस ने त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं किया? बस्तर के स्थानीय पत्रकारों के दबाव के बाद ही क्यों फॉर्महाउस पहुंच कर सेप्टिक टैंक तोड़ने की कार्रवाई की गई? पुलिस के इंटेलिजेंस के बावजूद सुरेश आसानी से कैसे भागने में सफल हो गया.
जिस घोटाले को उजागर किया, उस पर क्या हुआ…
बताया जा रहा है कि मुकेश की हत्या सड़क घोटाले को उजागर करने की वजह से हुई है. यह सड़क घोटाला बीते साल अगस्त के महीने में चर्चा में आया था. दरअसल बीजापुर जिले में गंगालूर से नेलसनार तक लगभग 20-30 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया था, जिसकी कुल लागत 56 करोड़ रुपए की थी, लेकिन ठेकेदार ने अधिकारियों से साठ-गांठ कर 112 करोड़ की करवा ली, लेकिन सड़क पर जरूरी काम नहीं किए, जिसकी वजह से दो महीने में बनी यह सड़क पहली ही बारिश में कई जगहों पर बह गई. इस बात की जानकारी ऊपर तक दी गई थी, शिकायत पर जांच की बात कही गई थी, लेकिन निष्कर्ष अभी तक अधर में है…
क्या हुआ छत्तीसगढ़ पत्रकार सुरक्षा कानून का
मुकेश की हत्या से एक बार फिर छत्तीसगढ़ पत्रकार सुरक्षा कानून चर्चा में है. इसकी चर्चा पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में हुई थी. इसमें पत्रकारों को प्रताड़ना, धमकी या हिंसा के विरुद्ध सुरक्षा देने के लिए समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही गई थी. इस बात के लिए एक समिति का गठन किया जाना था, जिनमें एक पुलिस अधिकारी, जनसंपर्क विभाग का प्रमुख और तीन पत्रकारों को शामिल किया जाना था. इसके लिए बाकायदा वेबसाइट बनाया जाना था, जिसमें पत्रकारों से संबंधित सूचना, शिकायत और उस पर हुई कार्रवाई दर्ज करने की बात कही गई थी, लेकिन इस दिशा में अब तक कितनी प्रगति हुई, कुछ पता नहीं है…