छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों का बड़ा हमला, हर तरफ बिखरे शवों के टुकड़े, ब्लास्ट इतना भयंकर, कुछ नहीं बचा...
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के सफाए के लिए बड़ा अभियान चल रहा है। बीते कुछ महीनों में दर्जनों नक्सली मारे गए हैं। अपना मनोबल गिरता देखकर नक्सलियों ने जवानों पर कायराना हमला किया है। सर्च ऑपरेशन से लौट रहे जवानों की गाड़ी को बीजापुर के कटरू थाना क्षेत्र स्थित अंबेली के जंगलों में उड़ा दिया है। इस ब्लास्ट में नौ जवान शहीद हो गए हैं। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में कुटरू मार्ग पर नक्सलियों ने जवानों से भरी बोलेरो वाहन को आईईडी धमाके से उड़ा दिया। वारदात में 8 डीआरजी सहित 9 जवान शहीद हो गए और 5 से ज्यादा घायल हो गए हैं। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, ब्लास्ट की भयावहता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि पुलिस गाड़ी के कल-पुर्जे कई मीटर दूर जाकर गिरे थे। स्टीयरिंग कही अलग पड़ा था तो इंजन के पार्ट्स कही और गिरे थे। वहीं, कुछ पार्ट्स पेड़ों पर जाकर टंग गए थे। अबूझमाड़ के दक्षिणी हिस्से में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के बाद लौट रहे जवानों के पिकअप वाहन को सोमवार दोपहर को नक्सलियों ने विस्फाेट से उड़ा दिया है। इसमें जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के नौ जवान शहीद हो गए है। इसमें एक ड्राइवर शामिल है। रविवार को नारायणपुर में हुई मुठभेड़ के बाद जवान लौट रहे थे। इस घटना पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शोक जताया है. उन्होंने कहा है कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हम मार्च 2026 तक भारत की भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे. राज्यपाल रमेन डेका ने भी बीजापुर जिले में हुए नक्सली घटना की कड़ी निंदा की है.
चार दिन तक जंगल में चले थे
चार दिन तक जंगल में पैदल चलने के बाद जवान थके हुए थे, इसलिए वे पिकअप वाहन में सवार हो गए। विस्फोट के समय वाहन में लगभग 20 जवान सवार थे। दुर्घटना की सूचना के बाद बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव घटनास्थल की ओर निकल गए हैं। घायल जवानों को वहां से निकालने बचाव अभियान प्रारंभ कर दिया गया है।
बता दें कि इस मुठभेड़ में डीआरजी के प्रधान आरक्षक सन्नू कारम शहीद हो गए थे। वे आत्मसमर्पित नक्सली थे। 2017 में उन्होंने समर्पण किया था। 2019 में वह जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) में शामिल हुआ था। इसके बाद वह लगातार कई मुठभेड़ में शामिल रहा है। वहीं इस मुठभेड़ में सोमवार को एक और पुरुष नक्सली का शव मिला है।
पांच वर्दीधारी नक्सलियों के शव मिले
इसके साथ ही अब तक दो महिला सहित पांच वर्दीधारी नक्सलियों के शव पुलिस को मिल चुके हैं। पुलिस के अनुसार मारे गए नक्सली दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) पीएलजीए प्लाटून नंबर 32 के वरिष्ठ कैडर के हो सकते हैं।नक्सलियों की पहचान की जा रही है। घटनास्थल से अब तक एके-47, सेल्फ लोडिंग रायफल व अन्य अत्याधुनिक हथियार बरामद किए हैं। इस अभियान में चार जिले दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बस्तर एवं कोंडागांव की जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के साथ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की संयुक्त पार्टी दक्षिण अबूझमाड़ क्षेत्र में अभियान पर है।
पहले भी नक्सली बना चुके हैं सुरक्षाबलों के वाहनों को निशाना
दंतेवाड़ा में अप्रैल 2010 में नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों से भरे वाहन को आईईडी से उड़ा दिया था। इस घटना में 75 जवान शहीद हो गए थे। पिछले कुछ दिनों से सुरक्षाबलों द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई का बदला लेने के लिए नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया है।
सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबल की टीम रवाना
नक्सलियों द्वारा वाहन को आईईडी से उड़ाने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबल की एक टीम मौके लिए रवाना हुई है। कई बार देखने में आया है कि नक्सली आईईडी धमाके के बाद फायरिंग भी करते हैं, लेकिन इस घटना में अभी तक ऐसी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।