ड्रोन दीदी योजना का कमाल, महिलाएं हो रहीं मालामाल - CGKIRAN

ड्रोन दीदी योजना का कमाल, महिलाएं हो रहीं मालामाल


केंद्र सरकार ने लखपति दीदी योजना के तहत भारत की महिलाओं को ड्रोन तकनीक की ट्रेनिंग देनी शुरू की. इस योजना का असर छत्तीसगढ़ में शानदार तरीके से दिख रहा है. यहां महिला किसानों ने अपने खेतों में ड्रोन तकनीक की सहायता से खेती में कमाल किया है. लखपति दीदी योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए प्रदेश की 4.95 लाख महिलाएं कार्य कर रही हैं. इनमें से अधिकांश महिलाएं सालाना एक लाख रुपये की आय अर्जित करती हैं. इनमें से अधिकांश कमजोर आदिवासी समूह (PVTG) ग्रुप से संबंधित हैं. अपने पहले साल में ही लखपति दीदी योजना की कामयाबी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. ड्रोन दीदी और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाएं आत्मनिर्भर बन रहीं हैं. ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत होने के बाद से 15 लाभार्थी महिलाओं ने दिसंबर 2023 से अब तक एक साल में एक लाख रुपये की आमदनी अर्जित की है. इस योजना के तहत किसान अपनी फसलों पर नैनो उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन दीदियों की मदद लेते हैं. महिलाएं अन्य किसानों को ड्रोन सेवाएं देकर 300 से 500 रुपये प्रति एकड़ के बीच एक्स्ट्रा इनकम अर्जित कर रही हैं. इसमें कृषि लाभ का मार्जिन भी मिल रहा है.

 दीदी योजना से महिलाओं को भी फायदा हो रहा है. महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं. रायपुर के नगपुरा गांव की चंद्रकली वर्मा को भी इस योजना से फायदा हुआ है. उन्होंने अपने सह-पायलट की लागत को कवर करने के बाद लगभग एक लाख रुपये की आय अर्जित की है. दुर्ग की एक अन्य महिला लाभार्थी जागृति साहू भी इस योजना के तहत आय अर्जित कर रही हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 500 एकड़ भूमि क्षेत्र में ड्रोन दीदी के रूप में सेवा देकर सलाना एक लाख रुपये अर्जित की है. उन्होंने इस तकनीक की तारीफ की है.

कृषि के जानकारों के मुताबिक ड्रोन छिड़काव तकनीक प्रति एकड़ में 10 लीटर तक छिड़काव करने में सक्षम है. यह मिट्टी में रासायनिक प्रभाव यानि की उसके उत्सर्जन को कम करती है. ड्रोन पतले रूप में यूरिया का छिड़काव करता है. जिससे फसलों को फायदा होता है और पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है. ड्रोन तकनीक छोटी फसलों के अलावा लंबी फसल जैसे की गन्ना, ज्वार और बाजरा के उत्पादन में भी अहम भूमिका निभाई है. खाद छिड़काव के लिए ज्यादा मजदूर की भी जरूरत नहीं होती है. जिससे मजदूरी का खर्चा बचता है.

ड्रोन संचालन, प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण और पशुधन प्रबंधन के जरिए हम महिलाओं को लखपति दीदी बना रहे हैं. इसमें महिला किसान और महिलाएं सफल रो रही है. लखपति दीदी योजना इस बात का एक उदाहरण है कि कैसे प्रौद्योगिकी और सामुदायिक सशक्तिकरण ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को बदल सकता है. छत्तीसगढ़ में महिलाओं के लिए एक उज्जवल भविष्य का निर्माण इसके जरिए हो रहा है. विशेष श्रेणी के लखपति दीदी समूह में 368 महिलाएं हैं. पीवीटीजी ग्रुप की महिलाएं भी इससे मजबूत हो रहीं हैं.- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़


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