भाजपा - कांग्रेस दोनों के लिए अहम रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट
बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद खाली हुई रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इसके लिए राजनीतिक दलों ने तैयारी तेज कर दी है. राजनीतिक दृष्टिकोण से रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. यही कारण है कि सत्ता पर काबिज बीजेपी और विपक्ष में बैठी कांग्रेस दोनों ही पार्टी अभी से ही इस सीट को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने में जुटी है. रायपुर दक्षिण विधानसभा की सीट भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए ही प्रतिष्ठा का विषय है। दोनों पार्टियां इस सीट को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। दोनों ही पार्टी की ओर से सार्वजनिक रूप से टिकट के प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है,लेकिन दोनों ही पार्टियों के खेमों से प्रत्याशियों के नाम उभरकर सामने आ रहे है। लंबे समय से इस सीट पर भाजपा का काबिज रही है. वह इसे किसी भी हालत में खोना नहीं चाहते हैं. कांग्रेस इस सीट को जीत कर भाजपा के विजय रथ पर रोक लगाना चाहती है. यही कारण है कि दोनों ही राजनीतिक दलों ने इस पर अभी से ही जीत के लिए रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है.
इन दिनों रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी तय करना दोनों ही पार्टियों के लिए मुश्किल साबित हो रही है। ऐसे में दोनों ही राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि प्रत्याशी का चयन दिल्ली से ही होगा। भाजपा की ओर से रायपुर दक्षिण विधानसभा के लिए के दंगल में प्रदेश कोषाध्यक्ष नंदन जैन और पूर्व सांसद सुनील सोनी का नाम सबसे आगे चल रहा है। हालांकि टिकट की दौड़ में प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव,प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, अनुराग अग्रवाल व पार्षद मृत्युंजय दुबे भी है।
नगरीय निकाय चुनाव भी दिसंबर-जनवरी में होने को है। इसके चलते कांग्रेस व बीजेपी दोनों ही दलों के लिए राहत भरी खबर यह भी है कि दोनों ही पार्टियों से रायपुर दक्षिण विधानसभा के लिए दावेदार थोड़े घट गए है। अब जो दावेदार बचे है, उनकी गिनती प्रबल दावेदारों में की जा रही है।