राशन वितरण ठप, संचालकों का 6 सूत्रीय मांगों पर प्रदेशव्यापी हड़ताल - CGKIRAN

राशन वितरण ठप, संचालकों का 6 सूत्रीय मांगों पर प्रदेशव्यापी हड़ताल


राशन दुकान संचालकों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर में हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल का असर राज्य के कई जिलों में देखा जा रहा है, जहाँ राशन वितरण पूरी तरह से ठप हो गया है। दुकान संचालक सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से कमीशन बढ़ाने और बेहतर कार्यशर्तों की बात शामिल है। दुकानों के बंद होने से गरीबों को राशन नहीं मिल पा रहा है. यदि यही स्थिति जारी रही तो कई परिवारों को भोजन के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. दुकानदारों का कहना है कि वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. उनकी प्रमुख मांग है कि मासिक मानदेय में वृद्धि की जाए. सरकार से बातचीत विफल होने के बाद उन्होंने हड़ताल का रास्ता चुना है.

ये हैं सेल्समैन की मांगें

1. इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन की गुणवत्ता में सुधार।

2. राशन आवंटन में बढ़ती अनियमितताओं का समाधान।

3. राशन दुकानों की दुकानदार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. बारदाना की राशि, मार्जिन राशि, वित्तीय पोषण राशि समय पर भुगतान नहीं किया जाता. मार्जिन राशि में 20 वर्षों से एक रुपए की वृद्धि नहीं हुई है. वर्तमान में मार्जिन राशि बहुत कम है. जिसे वृद्धि करके 250 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए. मासिक भुगतान और सहकारिता समूह की विक्रेता को 30 हजार मासिक मानदेय के अलावा राशन दुकान एवं विक्रेता का बीमा सुविधा का लाभ दिया जाए.

4. राशन भंडारण में सुधार हेतु नई कनेक्टिविटी की व्यवस्था।

5. राशन वितरण के अलावा अन्य कार्यों के लिए अतिरिक्त पारिश्रमिक।

6. कोरोना काल में 2 महीने का डीडी की राशि जमा करके फ्री में राशन बंटवाई गई थी. उस राशि का भुगतान दुकानदार को अब तक नहीं किया गया है इसे भी जल्द भुगतान किया जाए.

इस हड़ताल का सीधा असर राशन वितरण पर पड़ रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों में राशन लेने आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गरीब और निम्न आय वर्ग के परिवार, जो सरकारी राशन पर निर्भर हैं, वे इस आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। कई लोग राशन की दुकानों पर जाकर निराश लौट रहे हैं, क्योंकि दुकानों पर ताले लटके हुए हैं।


सरकार ने अब तक इस आंदोलन पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही संचालकों से बातचीत की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता यह है कि राशन वितरण जल्द से जल्द बहाल हो, ताकि गरीब परिवारों को परेशानी न हो।

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