गृहमंत्री अमित शाह ने किया बड़ा वादा, मार्च 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद
रायपुर में नक्सल समस्या पर अहम बैठक लेने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल समस्या पर रायपुर में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि "वामपंथ उग्रवाद से हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है. मार्च 2026 तक देश को हम पूर्णतया नक्सल समस्या से मुक्त कर पाएंगे. इसके साथ ही अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा चैलेंज, अब अंतिम प्रहार का वक्त है.'' नक्सलियों को खुली चुनौती देते हुए शाह ने कहा, यदि वे अपना रास्ता नहीं बदलते हैं तो अंतिम प्रहार होगा. छत्तीसगढ़ समेत देश को 2026 तक नक्सल समस्या से मुक्त कर लेंगे. वामपंथी उग्रवाद की वजह से लोग निरक्षर रह गए हैं उन्हें साक्षर बनाने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पहल करेगी. एनआईए की तर्ज पर एसआईए बनाएंगे. राज्य सरकार जल्द नई सरेंडर पॉलिसी की घोषणा करेगी. उन्होंने साय सरकार की तारीफ करते हुए कहा, नक्सल मामले में छत्तीसगढ़ में बड़ी कामयाबी मिली है.
उन्होंने कहा, बिहार, झारखंड, ओड़िशा, मध्यप्रदेश और कुछ हद तक महाराष्ट्र नक्सल समस्या से मुक्त हुआ है. 2004 से 2014 तक 16 हजार घटनाएं हुई थी और 2014 के बाद से अब तक करीब 7 हजार घटनाएं हुई है. करीब 53 फीसदी की कमी आई है. नागरिक सुरक्षा में 79 फ़ीसदी का आंकड़ा रहा है. 2010 में 96 नक्सल प्रभावित जिले थे. आज यह करीब 42 पर आ गए हैं. थानों की संख्या 171 तक सीमित हुई है. 2019 से अब तक सीएपीए के दो सौ से ज्यादा कैंप बनाए गए. वामपंथ उग्रवाद के फाइनेशियल सिस्टम पर करारा प्रहार किया गया है. इसमें ईडी की भी बड़ी भूमिका रही है.
सीएम साय और डिप्टी सीएम को दिया धन्यवाद
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा को धन्यवाद देता हूं कि नक्सल मामले में बड़ी कामयाबी मिली है. बड़ी संख्या में नक्सली न्यूट्रालाइज किया गया. नये कैंप खुले. हिड़मा के गांव में जाकर डिप्टी सीएम ग्रामीणों को आधार कार्ड देता है तो यह सब देखकर दिल्ली में हमें सुकून मिलता है. सुकमा के छह गांवों में आजादी के बाद पहली बार आदिवासियों ने मतदान का इस्तेमाल किया है. आज सुरक्षा बलों के जवान सुरक्षा मुहैया कराने के साथ-साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी योगदान दे रहे हैं.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ी सुविधाएं
बस्तर में 1500 से ज्यादा मोबाइल टावर लगाकर कनेक्टिविटी देने का काम किया है. सड़कों की कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है. हर तीन किलोमीटर में एक डाकघर खोला गया है. बैंक, एटीएम जैसी सुविधाएं पहली बार अंदूरूनी इलाको में पहुंचा है. कौशल विकास के लिए आईटीआई खोले गए हैं. 164 एकलव्य विद्यालय खोले गए हैं. भारत सरकार ने वामपंथ प्रभावित क्षेत्रों में 21 हजार करोड़ रुपये आधारभूत संररचना को विकसित करने के लिए किया गया है. सड़क संपर्क का कार्य भी तेजी से हो रहा है. 25 नक्सल प्रभावित जिलों में 2700 बैंक खोले गए हैं और एटीएम सुविधा को बढ़ाया गया है. हर तीन किलोमीटर में डाकघर खोला गया है. इन क्षेत्रों में पहली बार बैंक एटीएम और पोस्ट ऑफिस यहां पहुंचा है. आईटीआई केंद्र भी यहां तेजी से खोले जा रहे हैं. कौशल विकास के क्षेत्र में भी हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं."