छत्तीसगढ़ बीजेपी में नितिन नवीन को बड़ी जिम्मेदारी - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ बीजेपी में नितिन नवीन को बड़ी जिम्मेदारी


छ्त्तीसगढ़ में बीजेपी को विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले नितिन नबीन को पार्टी ने छ्त्तीसगढ़ का फिर से प्रभारी बनाया गया है. शुक्रवार शाम को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से देश के 24 राज्यों के प्रभारियों का नियुक्ति पत्र जारी किया गया. जिसमें नितिन नबीन छ्त्तीसगढ़ के प्रभारी बनाये वाये है वहीं कोंडागांव से विधायक और पूर्व मंत्री लता उसेंडी को ओडिशा राज्य का सह प्रभारी बनाया गया है. बीजेपी के राज्य सह प्रभारी रहे नितिन नवीन को बड़ी जिम्मेदारी बीजेपी ने सौंपी है. भाजपा आलाकमान ने पूर्व छत्तीससगढ़ प्रभारी ओम माथुर की जगह नितिन नवीन को नियुक्त किया है. विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के दौरान नितिन नवीन ने बेहतरीन काम किया. ओम माथुर और नितिन नवीन की जोड़ी ने विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बीजेपी का भारी बहुमत से विजयी बनाया.

विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत की पटकथा लिखने वाले नितिन नवीन को बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा है. पार्टी आलाकमान ने आज उनको छत्तीसगढ़ बीजेपी का प्रभारी नियुक्त किया है. इससे पहले नितिन नवीन छत्तीसगढ़ बीजेपी के सह प्रभारी हुआ करते थे. शुक्रवार को दिल्ली में बीजेपी की अहम बैठक हुई. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज सभी राज्यों के प्रदेश प्रभारियों और सह प्रभारियों की नियुक्ति का आदेश जारी किया. नितिन नवीन वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री के पद पर हैं. कोंडागांव से विधायक चुनी गईं लता उसेंडी पर भी पार्टी ने बड़ा भरोसा जताया है. पार्टी ने लता उसेंडी को ओडिशा का सह प्रभारी नियुक्त किया है.

 नितिन नवीन पर पार्टी ने बड़ा भरोसा जताया है. विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में ओम माथुर और नितिन नवीन की जोड़ी ने कमाल किया था. दोनों की बनाई रणनीति की बदौलत ही पार्टी ने विधानसभा में एकतरफा जीत हासिल की. लोकसभा में 11 में से 10 सीटों पर कब्जा किया. पार्टी ने नितिन नवीन की राजनीतिक कार्यकुशलता को देखते हुए उनको ये बड़ी जिम्मेदारी दी है.

 प्रदेश प्रभारी बनाए गए नितिन नवीन पार्टी की ऐसे नेता हैं जो पर्दे के पीछे रहकर अपना काम करते हैं. खुद को कार्यकर्ता समझने वाले नितिन नवीन कार्यकर्ताओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं. प्रत्याशी चयन से लेकर प्रचार की रणनीति बनाने तक में माहिर हैं. विपक्ष दल की कमी को भांपने और उस पर सियासी वार करने में माहिर माने जाते हैं. बीजेपी के जमीनी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में इनको महारत हासिल है. संघ और बीजेपी दोनों के ये प्रिय नेता हैं.

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