खेल/सेहत
गंगा ईमली जो कि छत्तीसगढ़ में जगह-जगह पाई जाती है उसका हमारे लिए बहुत महत्व है। यह शरीर के लिए काफी लाभदायक है। इसके सेवन से कई प्रकार के बिमारियों का खात्मा हो जाता है। इसके फल के साथ साथ इसकी छाल एवं पत्तियां भी उपयोगी है। गंगा ईमली में भरपूर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है। इसके नियमित रूप से सेवन करने से रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है। इसे जबरदस्त इम्युनिटी बूस्टर भी कहा जाता है। गंगा ईमली को त्वचा रोगों और आंखों की जलन में भी उपयोगी माना गया है। जानकार बताते हैं कि इस पेड़ की पत्तियों का रस दर्द निवारक का काम करता है। इससे मधुमेह का भी इलाज होता है। कहा जाता है कि यदि महीने भर तक नियमित रूप से गंगा ईमली खाई जाए तो शुगर नियंत्रित हो जाती है। गंगा ईमली कैंसर के रोगियों के लिए भी लाभदायक होती है। इसमें मौजूद तत्व एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक , कैंसर में काफी फायदेमंद होते हैं। गंगा ईमली में विटामिन सी, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, थायमिन, राइबोफ्लेविन जैसे तमाम तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी छाल के काढ़े से पेचिश तक ठीक हो जाती है।
सेहत के लिए प्रकृति का वरदान है गंगा ईमली
Tuesday, May 28, 2024
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गंगा ईमली जो कि छत्तीसगढ़ में जगह-जगह पाई जाती है उसका हमारे लिए बहुत महत्व है। यह शरीर के लिए काफी लाभदायक है। इसके सेवन से कई प्रकार के बिमारियों का खात्मा हो जाता है। इसके फल के साथ साथ इसकी छाल एवं पत्तियां भी उपयोगी है। गंगा ईमली में भरपूर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है। इसके नियमित रूप से सेवन करने से रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है। इसे जबरदस्त इम्युनिटी बूस्टर भी कहा जाता है। गंगा ईमली को त्वचा रोगों और आंखों की जलन में भी उपयोगी माना गया है। जानकार बताते हैं कि इस पेड़ की पत्तियों का रस दर्द निवारक का काम करता है। इससे मधुमेह का भी इलाज होता है। कहा जाता है कि यदि महीने भर तक नियमित रूप से गंगा ईमली खाई जाए तो शुगर नियंत्रित हो जाती है। गंगा ईमली कैंसर के रोगियों के लिए भी लाभदायक होती है। इसमें मौजूद तत्व एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक , कैंसर में काफी फायदेमंद होते हैं। गंगा ईमली में विटामिन सी, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, थायमिन, राइबोफ्लेविन जैसे तमाम तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी छाल के काढ़े से पेचिश तक ठीक हो जाती है।
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