आज छठे चरण की वोटिंग, दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा
लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण में आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 58 सीटों पर मतदान हुआ। आज वोटिंग के साथ 486 सीट पर पूरा हो जाएगा मतदान...सिर्फ 57 सीटें शेष, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की 14 समेत 58 सीट पर पड़ेंगे वोट...इनमें से अभी 40 पर भाजपा का कब्जा। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस समेत आप और राजद को पिछली बार नहीं मिली थी एक भी सीट। उनके सामने खाता खोलने की बड़ी चुनौती। जिन सीटों पर मतदान हुआ, उनमें धमेंद्र प्रधान, राव इंद्रजीत सिंह जैसे केंद्रीय मंत्रियों की भी सीटें शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में यूपी समेत छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश की कुल 58 सीटों पर शनिवार को मतदान होगा। छठे चरण के साथ ही लड़ाई मुख्य रूप से देश की सत्ता के केंद्र यानी दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्य हरियाणा में केंद्रित हो गई है। यहां सत्तारूढ़ भाजपा का काफी कुछ दांव पर लगा है और कांग्रेस या विपक्ष के पास खोने के लिए कुछ खास नहीं है। पिछले चुनाव में भाजपा को हरियाणा की सभी 10 और दिल्ली की सभी 7 सीटों पर जीत मिली थी और उसने क्लीन स्वीप किया था।
इस बार हरियाणा और दिल्ली में परिस्थितियां कुछ अलग हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं। हरियाणा में आप एक सीट और दिल्ली में चार सीटों पर, शेष सभी सीटों पर कांग्रेस लड़ रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निशाने पर सीधे भाजपा है। उनकी पूरी कोशिश भाजपा के खिलाफ वोटों को संगठित करने की है। वहीं, हरियाणा में भाजपा सरकार से हाल ही में तीन निर्दलीय विधायक अलग हुए हैं। दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी पहले ही सरकार से अलग हो गई है। इस बीच, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केजरीवाल को घेर रही भाजपा को राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में भी उन्हें घेरने का मौका मिल गया है। ऐसे में इस चरण की लड़ाई बेहद दिलचस्प बन गई है।
इस चरण में उत्तर प्रदेश की 14, हरियाणा की 10, बिहार की 8, झारखंड की 4, ओडिशा की 6, पश्चिम बंगाल की 8, दिल्ली की 7 और जम्मू-कश्मीर की 1 सीट पर कुल 889 प्रत्याशी मैदान में हैं। पहले जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर तीसरे चरण में चुनाव होना था, लेकिन खराब मौसम के कारण उसे टालकर छठे चरण में कर दिया गया। अगर इस चरण की सीटों के समग्र नतीजों को देखें, तो भाजपा को 58 में से 40 सीटों पर कामयाबी मिली थी। उपचुनाव में सपा के हाथ से इकलौती सीट आजमगढ़ छिन गई। वहां से भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने बाजी मारी थी।