कांकेर का चुनाव होगा दिलचस्प, इस बार होगी भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर
प्रदेश में लोकसभा चुनाव का प्रचार जोर-शोर से शुरू हो गया है। दोनों ही प्रमुख पार्टियां अपनी राजनीतिक बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। प्रदेश में इस बार कांकेर लोकसभा में कांटे का टक्कर देखने को मिल सकता है। कांकेर लोकसभा सीट से इस बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है वर्तमान सांसद को टिकट न देकर भोजराज नाग पर अपना भरोसा जताया है वहीं कांग्रेस ने पिछली बार के प्रत्याशी बीरेश ठाकुर पर अपना दांव लगाया है। छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा क्षेत्रों में कांकेर ऐसी सीट है, जहां चुनाव हमेशा ही दिलचस्प होता है। इसका कारण यहां के प्रत्याशी और जनता का मूड है। कांकेर सीट पर केवल दो नेताओं ने एक से अधिक बार जीत दर्ज की है, जबकि अन्य प्रत्याशियों को कभी भी जनता ने दोबारा मौका नहीं दिया है। कांकेर सीट में अब तक हुए सभी लोकसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस पार्टी के बीच ही चुनावी टक्कर रही है। इस बार भी इन्हीं दो पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है। बस्तर से अलग होकर कांकेर जिले के गठन के बाद से यहां की लोकसभा सीट पर अब तक स्थानीय प्रत्याशी पर ही मतदाताओं ने विश्वास जताया है। यही कारण है कि भाजपा ने भोजराज नाग तो कांग्रेस ने बीरेश ठाकुर को टिकट दिया है। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीरेश ठाकुर को भाजपा के मोहन मंडावी से महज सात हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। जो कि अंतर का बहुत ही कम है। इसलिए विगत विधानसभा चुनाव परिणाम को देखते हुए यहां मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। दरअसल, कांकेर आदिवासी बहुल इलाका है. एसटी सीट होने की वजह से यहां से आदिवासी नेता को ही टिकट दिया जाता है.कांकेर लोकसभा सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिसमें कांकेर, अंतागढ़, केशकाल, सिहावा, संजारी बालोद, डौंडीलोहारा, गुंडरदेही और भानुप्रतापपुर शामिल हैं। कांकेर, अंतागढ़ और केशकाल सीट पर भाजपा के विधायक हैं, जबकि पांच सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। कांकेर लोकसभा से सर्वाधिक बार चुनाव जीतने का रिकार्ड कांग्रेस के अरविंद नेताम के नाम रहा है। वहीं भाजपा से सोहन पोटाई ने भी लगातार 4 बार जीत हासिल की थी। 1998 से लेकर 2014 तक लगातार चार बार सोहन पोटाई को कांकेर के मतदाताओं का साथ मिला और वे सांसद रहे। गौरतलब है कि कांकेर सीट के लिए दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा। यहां से 10 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है।
कांकेर लोकसभा में महिलाओं की संख्या पुरूषों के मुकाबले ज्यादा है, यहां महिला गेमचेंजर साबित होगी। क्योंकि जिसे आधी आबादी का वोट मिलेगा वहीं जीत का परचम लहराएगा। कांकेर लोकसभा सीट पर महिला मतदाताओं का दबदबा देखने को मिला है। पिछले आंकड़ों पर यदि गौर करें तो महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। कांकेर लोकसभा में 16,50,692 मतदाता हैं। इसमें 8,07,549 पुरुष, 8,43,124 महिला और 19 अन्य शामिल हैं। वर्ष- 2014 के लोकसभा चुनाव में 69 प्रतिशत महिलाओं ने सांसद चुनने में अहम भूमिका निभाई थी। जबकि, वर्ष- 2019 के लोकसभा चुनाव में यह प्रतिशत बढ़कर 73.32 प्रतिशत तक पहुंच गया था। कब-कब किसने जीता?
1967-त्रिलोकशाह लाल प्रियेन्द्र शाह -भारतीय जनसंघ
1971- अरविन्द नेताम- कांग्रेस
1977- अघन सिंह ठाकुर- जनता पार्टी
1980-अरविन्द नेताम- कांग्रेस
1984 -अरविन्द नेताम-कांग्रेस
1989- अरविन्द नेताम-कांग्रेस
1991-अरविन्द नेताम- कांग्रेस
1996-छबीला नेताम- कांग्रेस
1998-सोहन पोटाई- BJP
1999-सोहन पोटाई- BJP
2004-सोहन पोटाई – BJP
2009-सोहन पोटाई – BJP
2014-विक्रम उसेंडी – BJP
2019- मोहन मंडावी – BJP