एग्जिट पोल से कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की धड़कनें तेज, 20 सीटों पर कांटे का मुकाबला
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर आए विभिन्न एग्जिट पोल ने कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की धड़कनें तेज कर दी हैं। एग्जिट पोल में भले ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही हो, लेकिन ज्यादातर सीटों पर मुकाबला कांटे का ही बताया जा रहा है। एग्जिट पोल ने दो से पांच सीटों पर निर्दलीय व अन्य दलों के प्रत्याशियों के जीतने की संभावना जताई है। ऐसे में बहुमत के आंकड़े 46 से दो-चार सीटों से चूकने पर ऐसे विधायक सत्ता की कुंजी साबित हो सकते हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए ही कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने ऐसे प्रत्याशियों को अपने पाले में लाने की तैयारी शुरू कर दी है, जिनके जीतने की संभावना है। मतदाताओं के रूझान के अनुसार एग्जिट पोल से इतर कांग्रेस-भाजपा दाेनों पार्टियों का 35-35 सीटों पर आसानी से जीत का आकलन किया जा रहा है मगर 20 ऐसी सीटे हैं जिनमें कड़ा मुकाबला है।
राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार अगर दोनों ही दलों की सीट 45 या इसके आसपास तक पहुंची तो त्रिशंकु विधानसभा की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस बार बस्तर में कांग्रेस के पूर्व नेता अरविंद नेताम की हमर राज पार्टी की पार्टी चुनावी मैदान में है ,जबकि प्रदेश के कुछ आइएएस अफसरों की ओर खड़ी की गई छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी भी मोर्चे पर है। इसके अलावा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ), आम आदमी पार्टी (आप), बसपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ) सहित लगभग 60 राजनीतिक दल मैदान में हैं।
एग्जिट पोल ने दो से पांच सीटों पर निर्दलीय व तीसरे मोर्चे के प्रत्याशियों के जीतने की भी संभावना जताई है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए 46 सीटें जीतनी होंगी। ऐसे में यदि कोई पार्टी दो-चार सीटों से चूकती है तो निर्दलीय व तीसरे मोर्चे से बनने वाले विधायकों पर नजर रहेगी। कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दल के नेता भले ही जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं मगर पार्टियों को अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त की भी चिंता सता रही है। यही कारण है कि जीतने के बाद किसी भी जीते हुए प्रत्याशी को पार्टिंयां एक घंटे भी अकेले नहीं छोड़ना चाहेंगी।
भाजपा का दावा है कि महतारी वंदन योजना में हर महीने एक हजार रुपये मिलने की योजना और 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर मिलने की योजना में महिलाएं अधिक मतदान की हैं। जबकि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस का दावा है कि किसानों की कर्ज माफी, महिला स्व सहायता समूहों की कर्ज माफी, हर वर्ग की महिलाओं को गैस सिलेंडर में 500 रुपये की सब्सिडी और गृह लक्ष्मी योजना में हर महिला को 15 हजार रुपये सालाना देने की घोषणा से महिलाओं का मत कांग्रेस के पक्ष में गए हैं।