अटल सुशासन दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार देगी 12 लाख अन्न-दाताओं को धान बोनस
आखिरकार पांच साल के अंतराल के बाद वह दिन आ ही गया, जब सरकार किसानों को दो साल का बकाया धान का बोनस देने जा रही है. अटल सुशासन दिवस के अवसर पर प्रदेश के किसानों को बोनस राशि का वितरण किया जाएगा. अटल जयंती पर छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को एक और बड़ी सौगात देने जा रही है. प्रदेश सरकार किसानों को पीएम मोदी गारंटी के तहत धान बोनस देने जा रही है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के बाद सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार काम करेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में अब संसाधन की कमी नहीं होगी और राज्य भयमुक्त और नकस्लवादमुक्त छत्तीसगढ़ बनेगा। साथ ही बताया कि 25 दिसंबर को 12 लाख किसानों को दो साल का बोनस दिया जाएगा। भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में भी इस बात का वादा किया गया था।"
दरअसल, राज्य में 15 साल तक बीजेपी की सरकार रही है यानी राज्य गठन के बाद ज्यादातर समय बीजेपी ने सत्ता चलाई है. छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार के आखिरी पांच साल के कार्यालय को बेहद खास माना जाता है क्योंकि इसी दौरान रमन सिंह ने किसानों को प्रति क्विंटल 300 रुपये बोनस देने का फैसला किया था. हालांकि रमन सिंह सरकार किसानों को केवल 3 साल बोनस दे पाई, इसके बाद राज्य में किसानों को बोनस नहीं दिया गया. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार का एक बड़ा कारण रहा था. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज कर वापस सत्ता में लौटी है, तो पुराने वादे को पूरा किया जा रहा है.
इस योजना से राज्य के सभी किसानों को फायदा नहीं होगा क्योंकि 2013 से 2018 के बीच राज्य में 12 लाख किसान ही धान बेचने के लिए पंजीकृत किसान थे. जिन किसानों ने उस समय मंडी में धान बेचा था. उन्हीं किसानों को बोनस मिलेगा. किसानों को प्रति एकड़ कितना पैसा मिलेगा, इसका आकलन करें तो प्रति एकड़ में किसानों से 15 क्विंटल धान खरीदी जाती थी. एक क्विंटल का 300 रुपये बोनस मिलेगा. इस हिसाब से किसानों को प्रति एकड़ में 4500 रुपये मिल सकता है.