अब छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी झीरम नक्सली हमला की जांच, क्या पुलिस जांच में सामने आएगा झीरम का सच....?
झीरमकांड को 10 बरस से ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन इसको लेकर कई सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं। छत्तीसगढ़ के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच अब राज्य सरकार कर सकती है। इस संबंध में राज्य की पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही थी,जिसकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे एनआईए को बड़ा झटका लगा है। 25 मई 2013, वो दिन, जब पूरा देश सिहर उठा। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को झीरम घाटी में निशाना बनाते हुए नक्सलियों ने बड़ा हमला किया जिसमें कांग्रेस के टॉप नेताओं समेत 32 लोगों की जान चली गई। NIA को जांच की जिम्मेदारी दी गई साथ ही एक न्यायिक जांच आयोग बनाया गया, राज्य में सरकार बदली तो नया जांच आयोग बनाया गया। उधर NIA ने जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी, लेकिन उसकी जांच पर कांग्रेस लगातार सवाल खड़े करती रही.. हमले के 10 बरस बाद भी इस हमले से जुड़े कई सवाल अनसुलझे हैं। इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने एक बार फिर इस पर राजनीतिक बहस बढ़ा दी है।
बता दें कि 25 मई 2013 को जब कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा झीरम घाटी से गुजर रही थी तभी उस पर नक्सली हमला हुआ था, जिसमें छत्तीसगढ़ की लगभग पूरी कांग्रेस एक तरह से समाप्त हो गई थी, क्योंकि इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पीसीसी चीफ नन्दकुमार पटेल एवं उनके पुत्र के अलावा बस्तर टाइगर के नाम से प्रसिद्ध कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा सहित 32 लोग शहीद हुए थे. इनमें धरसीवा के कद्दावर नेता योगेंद्र शर्मा भी शामिल थे, जिनका 2013 के चुनाव में धरसीवा से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था. झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था। कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की, लेकिन इसके पीछे के वृहत राजनीतिक षडयंत्र की जांच किसी ने नहीं की। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरु की तो एनआईए ने इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। आज रास्ता साफ़ हो गया है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी।
मिली जानकारी के मुताबिक अदालत ने कहा है हम इस प्रकरण में दखल नहीं देंगे। कोर्ट के फैसले के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा है कि 'झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है। झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था। कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की, लेकिन इसके पीछे के वृहत राजनीतिक षडयंत्र की जांच किसी ने नहीं की। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरु की तो एनआईए ने इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। आज रास्ता साफ़ हो गया है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी। किसने किसके साथ मिलकर क्या षडयंत्र रचा था। सब साफ हो जाएगा।