क्या अमित बिगाड़ेगा पाटन का खेल....!, कका को भतीजा और जोगी देंगे टक्कर
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 की दुसरे चरण को लेकर अब बेहद कम समय बचा है। 17 नवंबर को प्रदेश में दुसरे चरण का मतदान होना है और इससे दो दिन पहले 15 नवंबर की शाम को प्रदेश में चुनाव प्रचार थम जाएगा। लिहाजा भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही छत्तीसगढ़ में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और दोनों ही पार्टी के आला नेता प्रदेश में चुनावी रैलियां करने उतर आए हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में पाटन विधानसभा सीट महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. पाटन सीट चाचा भतीजे के नाम की घोषणा के बाद से ही इसे हॉट सीट माना जा रहा था। दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री कका व सांसद भतीजे की आमने-सामने की लड़ाई में कूदे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जोगी (जेसीसीजे) के कर्ताधर्ता अमित जोगी ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। इसके बीच ही जनता कांग्रेस के दिग्गज नेता अमित जोगी के रण में उतरने से यह सीट और ज्यादा मजेदार हो गया है। जनता कांग्रेस के नेता अमित जोगी ने नामांकन दाखिल कर इस सीट के मुकाबले को त्रिकोणीय एंगल दे दिया है। इससे पहले खबर आ रही थी कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। लेकिन पाटन से नामांकन भरते ही राजनीतिक गलियारों का बाजार गरमा गया है। पाटन सीट से सीएम भूपेश बघेल के सामने भाजपा के टिकट पर दुर्ग के सांसद विजय बघेल हैं। विजय रिश्ते में भूपेश के भतीजे हैं। दो दिन पहले पत्रकारों ने भूपेश से जब यह पूछा कि कक्का-भतीजे में भारी कौन? इस पर उनका जवाब था, रिश्ते में तो हम बाप लगते हैं... यह जवाब इन दिनों खूब वायरल हो रहा है। दोनों यहां से चौथी बार आमने-सामने हैं। इससे पहले हुए तीन मुकाबलों में से दो भूपेश और एक विजय जीत चुके हैं। भूपेश पहली बार वर्ष 1993 में इसी सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद से लगातार यहीं से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। इस बार वह यहां से सातवीं बार मैदान में हैं। अब यह देखना रोचक होगा की यहां से कौन बाजी मारता है। यहां की हॉट सीट पर किसका कब्जा होता है यह आने वाला समय ही बताएगा।
पाटन क्षेत्र के लोगो से बात करने पर यह पता चलता है की भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल अपने कक्का को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। उनके अनुसार, सीएम की ओर से की गईं तमाम घोषणाओं पर अमल न होने से यह स्थिति बनी है। यह पूछने पर कि अमित जोगी यहां के चुनाव को कितना प्रभावित करेंगे तो उनका कहना है कि वह क्षेत्र में न कभी सक्रिय रहे और न ही उनकी पार्टी का कोई एजेंडा है। ऐसे में वह अधिक से अधिक सतनामी समाज के वोट ही अपने पाले में ला सकेंगे। ज्यादा कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नही है. आगे कहना है कि क्षेत्र में सतनामी समाज का अधिकतर वोट कांग्रेस के पाले में रहता है। अमित यदि एकतरफा वोट बटोर ले गए तो किसका खेल बिगड़ेगा, इसका अंदाजा नहीं लगा सकते। बाज़ी भी पलट सकती है और कुछ भी परिणाम आ सकता है. अब देखना यह है की अमित जोगी पाटन क्षेत्र के जनता के ऊपर कितना प्रभाव डाल सकते है.