रूठने के बाद अब बागियों को मनाने का दौर, बगावत से पार्टियों में खलबली - CGKIRAN

रूठने के बाद अब बागियों को मनाने का दौर, बगावत से पार्टियों में खलबली


छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए नामाकंन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. कांग्रेस और बीजेपी ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. कांग्रेस-भाजपा के बागी पार्टियों के लिए चुनौती बन गए हैं। प्रदेश में कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां दावेदार रहे नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भर दिया है। इनमें रायपुर उत्तर से लेकर कसडोल, मनेंद्रगढ़, रायगढ़, महासमुंद, गुंडरदेही आदि विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन सीटों पर अब त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है। विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन पत्र जमा करने का अंतिम दिन था। इसके बाद दो नवंबर तक अभ्यर्थी अपने नाम वापस ले सकते हैं। नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भाजपा और कांग्रेस का पूरा जोर बागी नेताओं को मनाने पर है। अंतागढ़ से कांग्रेसी विधायक अनूप नाग टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित भी कर दिया है। इधर कांग्रेस नेता गोरेलाल बर्मन पार्टी छोड़कर जकांछ में शामिल हो चुके हैं। रूठे को मनाने के लिए पार्टियों के बड़े नेता बागियों से संपर्क साधने में जुट चुके हैं। दूसरी ओर महासमुंद से मौजूदा कांग्रेस विधायक किस्मतलाल नंद बागी होकर कांग्रेस का साथ छोड़कर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ -जे (जेसीसीजे) में शामिल हो गए। जेसीसीजे ने उन्हें सरायपाली से टिकट दिया है। अब वो सराईपाली से चुनावी ताल ठोक रहे हैं। साल 2018 में किस्मतलाल नंद ने डीएसपी की नौकरी छोड़कर कांग्रेस से चुनाव लड़े थे। भाजपा प्रत्याशी को 52 हजार वोटों से हराया था। नाम वापसी के लिए केवल दो दिन का समय शेष है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी से अलग होकर चुनौती देने वाले बागियों को पदों का प्रस्ताव दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सरकार बनने के बाद इन्हें निगम व अन्य मंडलों में बड़े पद दिए जाएंगे।

बागियों को मनाने झोंकी ताकत

बागियों को मनाने के लिए दोनों ही राजनीतिक दलों ने ताकत झोंक दी है। टिकट की चाह में दल बदलने का खेल कम ही सही, मगर इससे पार्टियों पर दबाव बढ़ गया है। दलबदलू नेताओं में कुछ वैसे भी हैं जिन्होंने दल तो बदल लिया, मगर उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। ऐसी स्थिति में उनके सामने विकट स्थिति बन गई है।

कुकरेजा की भीड़ ने बढ़ाई चिंता

कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद से लगातार असंतोष की लहर देखने को मिल रही है। कई जगहों से कांग्रेसी बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेसी पार्षद अजीत कुकरेजा ने टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रायपुर उत्तर से नामांकन भर दिया है। नामांकन के दिन उनकी रैली में जिस तरह से भीड़ उमड़ी, इससे दिग्गज परेशान हैं। उन्हें मनाने का दौर शुरू हो चुका है। कांग्रेस ने उन्हें मनाने की भरपूर कोशिश की पर वो नहीं माने। पार्टी में बगावत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इधर, रायपुर ग्रामीण से भाजपा नेता सावित्री जगत भी पार्टी से नाराज चल रही हैं। टिकट नहीं मिलने के बाद उनके तेवर बदल चुके हैं।

सामरी में बदला समीकरण

कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज के भाजपा में शामिल होने के बाद इस विधानसभा में समीकरण बदलने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस के यह तीसरे विधायक हैं, जिन्होंने बागी तेवर अपनाए हैं। चिंतामणि महाराज वर्तमान में बलरामपुर जिले के सामरी सीट से विधायक हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उन्हें लोकसभा में जिम्मेदारी दी जा सकती है। सामरी सीट से कांग्रेस ने वर्तमान में विजय पैकरा को उम्मीदवार बनाया है।

बीजेपी से बृजमोहन अग्रवाल 7 बार से चुनाव जीत

आपको बता दें कि रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट आमने सामने का मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. सिटिंग एमएलए बृजमोहन अग्रवाल हैं. जो पिछले 33 साल से चुनाव जीत रहे हैं. कांग्रेस पार्टी बृजमोहन अग्रवाल की रणनीति के सामने पिछले 7 चुनाव में फेल हो चुकी है. अब दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाकर हिंदू कार्ड खेला है. रायपुर दक्षिण की चुनावी हवा टक्कर की है, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशियों का रोल रायपुर दक्षिण में अहम होता है क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी के बीच हार जीत के अंतर की खाई निर्दलीय प्रत्याशी बनाते है.

इन्होंने छोड़ी पार्टी

अंतागढ़ से कांग्रेसी विधायक अनूप नाग टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित भी कर दिया है। इधर कांग्रेस नेता गोरेलाल बर्मन पार्टी छोड़कर जकांछ में शामिल हो चुके हैं। टिकट न मिलने से नाराज कसडोल से कांग्रेसी नेता गोरलाल साहू ने भी बगावत छेड़ दिया है। सरायपाली से कांग्रेसी विधायक किस्मत लाल चंद जकांछ में शामिल हो चुके हैं।

इन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

रायपुर उत्तर, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, जांजगीर, सरायपाली, गुंडरदेही, पंडरिया, कवर्धा, महासमुंद, रायगढ़, मुंगेली, खल्लारी, चंद्रपुर, कोटा, लोरमी, जैजपुर आदि।

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