कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं ये विधायक, अनूप नाग ने भरा निर्दलीय नामांकन
छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। वहीं, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट को लेकर टिकट की दौड़ में शामिल उम्मीदवारों में रोष देखने को मिल रहा है। बता दें, कांग्रेस के टिकट वितरण के बाद कई सीटों पर प्रत्याशियों का विरोध शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने 22 विधायकों का टिकट काट दिया है। टिकट कटने से कई विधायक नाराज हो गए हैं। विधायक अनूप नाग तो निर्दलीय पर्चा भर दिया है। वहीं विधायक विनय जायसवाल के गोड़वाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों से है। विधायक चिंतामणि महाराज तो भारतीय जनता पार्टी में जाने को तैयार हैं। लेकिन इन तीनों विधायकों ने अब तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है। जानकारी अनुसार तीनों विधायक का फैसला कांग्रेस नेतृत्व के कारण अटका है। क्योंकि तीनों विधायकों को कांग्रेस से अभी भी उम्मीद है कि इनके पक्ष में कोई निर्णायक फैसला होगा। पामगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी शेषराज हरबंश को टिकट मिलने पर स्थानीय कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया है। कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में प्रदर्शन किया। वहीं, प्रत्याशी बदलने की मांग की जा रही है, उनका कहना है कि, स्थानीय नेता को प्रत्याशी बनाया जाए। वहीं, पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सालों से लगातार काम कर रहीं पूर्व लोकसभा सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ स्व. परसराम भारद्वाज की बेटी रोमा परसराम भारद्वाज ने भी टिकट नहीं मिलने पर सोशल मीडिया में अपना दर्द बयां किया है।
पहले चरण में 20 सीटों पर चुनाव होने वाला है और बस्तर संभाग के अंतागढ़ से विधायक अनूप नाग ने टिकट कटने के बाद निर्दलीय पर्चा भर दिया है। वहीं दूसरे चरण में 70 सीटों में पर्चा भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मनेंद्रगढ़ से विधायक विनय जायसवाल को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। इससे विनय नाराज हैं और दूसरा विकल्प देख रहे हैं। उनके गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ने की बातें चल रही है। इसे विनय ने भी अब तक खारिज नहीं किया है और वो दशहरे के बाद चुनाव लड़ने को लेकर निर्णय कर सकते हैं। विधासक चिंतामणि महाराज भी टिकट कटने के चलते कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं।
यहां तक कि चिंतामणि महाराज ने 23 अक्टूबर को भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात भी की है। इसके बाद चिंतामणि महाराज की भाजपा की सदस्यता लेने की संभावना बढ़ गई है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की अंबिकापुर सीट अभी खाली है। यहां से कांग्रेस के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव चुनाव लड़ रहे हैं। चिंतामणि महाराज वहीं से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि फिलहाल इस पर भाजपा ने अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। बता दें चिंतामणि महाराज सामरी विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं।