छत्तीसगढ़
मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर बड़ा कदम उठाया है. जहाँ जगदलपुर के कलेक्टर ने शुक्रवार को 296 स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया। यह सभी अपनी मांगों को लेकर 21 अगस्त से हड़ताल पर थे। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी विजय दयाराम ने शुक्रवार को हड़ताल में गए 296 स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी किया। छत्तीसगढ़, सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के तहत स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों ने अपनी मांगों के संबंध में अनाधिकृत रूप से निरंतर 21 अगस्त से हड़ताल पर हैं। इस वजह से लोकहित-नागरिक सेवाएं तथा शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बता दें कि प्रदेश भर में पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्वास्थ्य कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सभी जगह स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही है और मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।लोगों को असुविधा हो रही है। जिन सेवाओं के विषय में एस्मा (छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979) की धारा-4 की उपधारा (1) एवं (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए एवं सूचना उपरांत भी कर्मचारियों द्वारा उपस्थित नहीं होने पर एस्मा अंतर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु दो सूचना के माध्यम से सूचित किया गया है। तत्पश्चात् भी अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा कार्य पर उपस्थित नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़, सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-6 एवं नियम-7 एवं छ.ग. अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम-1979 की धारा-4 की उपधारा (1) एवं (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए 296 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जाता है।
कर्मचारियों पर बड़ी कार्यवाही, मचा हडकंप , 864 स्वास्थ्य कर्मचारी नौकरी से बर्खास्त
Saturday, September 2, 2023
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मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर बड़ा कदम उठाया है. जहाँ जगदलपुर के कलेक्टर ने शुक्रवार को 296 स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया। यह सभी अपनी मांगों को लेकर 21 अगस्त से हड़ताल पर थे। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी विजय दयाराम ने शुक्रवार को हड़ताल में गए 296 स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी किया। छत्तीसगढ़, सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के तहत स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों ने अपनी मांगों के संबंध में अनाधिकृत रूप से निरंतर 21 अगस्त से हड़ताल पर हैं। इस वजह से लोकहित-नागरिक सेवाएं तथा शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बता दें कि प्रदेश भर में पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्वास्थ्य कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सभी जगह स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही है और मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।लोगों को असुविधा हो रही है। जिन सेवाओं के विषय में एस्मा (छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979) की धारा-4 की उपधारा (1) एवं (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए एवं सूचना उपरांत भी कर्मचारियों द्वारा उपस्थित नहीं होने पर एस्मा अंतर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु दो सूचना के माध्यम से सूचित किया गया है। तत्पश्चात् भी अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा कार्य पर उपस्थित नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़, सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-6 एवं नियम-7 एवं छ.ग. अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम-1979 की धारा-4 की उपधारा (1) एवं (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए 296 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जाता है।
वहीं बलौदा बाजार में भी प्रशासन ने हड़ताली स्वास्थ्य कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की है, जिला कलेक्टर ने 265 तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। वहीं 100 अन्य कर्मचारी अधिकारियों के लिए अनुशंसा पत्र शासन को प्रेषित किया है। कलेक्टर ने निलंबन का आदेश जारी कर दिया है। कांकेर जिला कलेक्टर ने 568 हड़ताली स्वास्थ्य कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। आपको बता दें कि 21 अगस्त से हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं जिसके कारण प्रशासन ने सख्त आदेश दिया है।
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