सब्जियों के गिर गए दाम, किसानों की बढ़ी मुसीबत कर्ज में डूबे
किसानों को उनकी सब्जियों के दाम एक दो दिन से नहीं बल्कि 4 महीने से ऐसे ही मिल रहे है। जिससे सब्जियों के कारण किसान कर्ज में डूब गए है। इधर सब्जियों के थोक विक्रेताओं का कहना है कि संभाग के बाहर भी सब्जियों की जमकर पैदावार हुई है जिसके कारण सब्जियों की डिमांड बाहर भी नहीं हो रही यही कारण है कि थोक विक्रेताओं का भी इंट्रेस्ट इस ओर नही हो रहा। हालांकि थोक विक्रेताओं का कहना है कि एक महीने के भीतर नई सब्जियों की आवक होने से सब्जियों के दाम में उछाल आएगा।
बहरहाल जिस तरह से किसानों के उत्पाद जा लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा उससे किसान कर्ज में डूब रहे है। ऐसे में अब उम्मीद यही है कि नए सीजन में नए सब्जियों के उत्पादन से उन्हें बेहतर लाभ मिलेगा, मगर इसका बड़ा कारण ज्यादा मात्रा में सब्जियों व टमाटर के उत्पादन को भी माना जा रहा है।
जो टमाटर 20 से 30 रुपये किलो बिकता था उसकी कीमत 2 रुपए किलो थोक हो गई है, फूल गोभी जिसकी कीमत 30 से 40 रुपये हुआ करती थी उसे 5 रुपये किलो कोई लेने वाला नहीं मिल रहा यही आलम पत्ता गोभी का है जिसकी कीमत 2 रुपये से 3 रुपये किलो तक पहुच गई है। यही कारण है कि सरगुज़ा जिले के सब्जी उत्पादक बेहद परेशान है और उन्हें घाटा के साथ कर्ज भी झेलना पड़ रहा है। किसानों के कहना है कि सब्जियों की कीमत गिर जाने से सब्जी तुड़वाने का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है यही कारण है कि कई किसानों ने तो सब्जियां मंडी लाने के बजाय खेतो में ही छोड़ दी है।
आपको बता दे कि पिछले कुछ दिनों से हरी सब्जी के दामों में भारी गिरावट आई है। किसानों से व्यापारी फूलगोभी 5 रुपए किलो, जबकि टमाटर २ रुपए किलो खरीद रहे हैं। बाजारों में भी टमाटर पांच रुपए किलो व फूलगोभी व बंधागोभी तीन रुपए किलो बिक रहे है।
टमाटर 2 रुपये किलो
फूल गोभी 5 रुपये किलो
पत्ता गोभी 3 रुपये किलो
सरकार किसानों पर विशेष ध्यान दें, कुछ ऐसी व्यवस्था करें कि किसानों को साग सब्जियों का वाजिब दाम मिल सके। कर्ज लेकर हम लोग खेती करते हैं और लागत दाम भी नहीं निकल पाता है तो काफी निराश होना पड़ता है और परिवार का भरण पोषण भी खेती से ही होता है। लागत मूल्य निकलना तो दूर अब 50 से 60 हजार कर्ज में डूब चुके हैं। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल भी इस वर्ष नहीं हुई वही सब्जी सस्ती होने से कमर ही टूट गई।
खेती में ₹1600 प्रति घंटा ट्रैक्टर से जुताई करना पड़ता है, ₹40 किलो डीएपी, ₹200 किलो जाईम खरीदना पड़ रहा है। इतना ही नहीं गोभी की 10 ग्राम बीज की ₹400 से लेकर ₹700 तक भारी दाम में खरीदना पड़ता है।