मेरी आधार-उसकी पहचान- गजब का सिस्टम एक आधार नंबर दो महिलाओं को अलॉट - CGKIRAN

मेरी आधार-उसकी पहचान- गजब का सिस्टम एक आधार नंबर दो महिलाओं को अलॉट


मिली जानकारी के अनुसार पता चला है की एक ही आधार नंबर दो लोगो को मिला है जिससे दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यह गजब कहानी सरगुजा में सामने आई है. यहां दो महिलाओं के आधार नंबर एक ही है. इस बात पर आप यकीन न कर रहे होंगे,लेकिन ये सच है. इस गड़बड़ी की वजह से दोनों ही महिलाओं को कई सारी योजनाओं का लाभ लेने में दिक्कत आ रही है.

 अंबिकापुर के गांधी चौक में चाय बेचने वाले केशव बताते हैं कि उनकी पत्नी का आधार नंबर किसी और को भी अलॉट है.जो बलरामपुर की मैडम अल्पना खालको के नाम पर है. जिसे सुधरवाने के लिए वो परेशान हैं.

कई बार च्वाइस सेंटर में गया, ई सेवा केंद्र में भी गया, हैदराबाद से भी टीम आई हुई थी उनके पास भी गया, लेकिन कोई सुधार नही हुआ. समस्या जस की तस बनी है, मेरी बीवी अंगूठा लगाती है तो अल्पना खालको का डिटेल आता है कुछ समझ में नही आ रहा है- केशव , पीड़ित

कैसे होगा सुधार ?: ये मामला यूआईडीएआई से जुड़ा है. क्योंकि आधार कार्ड बनाने का अधिकार उसी के पास है. यहां से च्वाइस सेंटर या ई सेवा केंद्र के माध्यम से आधार बनाने या उसमें सुधार कराने के लिए सिर्फ आवेदन ही किये जाते हैं. आधार नम्बर जनरेट करना या उसमे सुधार यूआईडीएआई ही कर सकता है. बड़ी बात ये है कि इन दोनों महिलाओ के बैंक खाते भी खुल गये हैं, राशन कार्ड भी बन चुके है. ऐसे में अंबिकापुर की कविता जिसे महतारी वन्दन योजना का लाभ मिलता है उसकी राशि बलरामपुर की अल्पना खालको के खाते में आती है, अल्पना ने समझदारी दिखाई और हर महीने वो कविता को पैसा भेज देती है.

कुछ दिन पहले युआईडीएआई के माध्यम से शिविर लगाया गया था उसमे ये महिलाए आई हुई थी, ये एक टेक्निकल समस्या है. इसको यूआईडीएआई को भेजा जाएगा. इसमें इस आधार नम्बर को कैंसिल करके दोनों को नए आधार नम्बर जनरेट किये जाएंगे- वैभव सिंह, ई प्रबंधक

अंबिकापुर की कविता मद्रासी नाम की महिला है, एक और महिला है शायद बलरामपुर जिले की. इन दोनों के आधार नम्बर शायद एक हैं. आधार का काम यूआईडीएआई का है उसे जिले के ई सेवा केंद्र के अधिकारी उसे देख रहे हैं. ऐसा हो तो नही सकता है, जिसकी डेमोग्राफी ज्यादा मैच हो रही होगी वो आधार के तहत बैंक खाते में लिंक हो जाता है- दीपेंद्र सिंह यादव, एलडीएम

अब इंतजार ही उपाय 

 इस अजब-गजब समस्या से कविता और उनके पति केशव परेशान है. क्योंकि किसी तरह के डिजिटल ट्रांजक्शन और नई योजनाओं का कार्ड बनावाने में इनको दिक्कत जा रही है. सरगुजा के अधिकारी तो इनकी समस्या का आवेदन यूआईडीएआई को भेज देंगे. लेकिन देखना यह होगा कि इस बड़ी चूक के बाद किस तरह की सतर्कता यूआईडीएआई बरतेगी.

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