आसमान में नहीं जमीन पर बात करेगा 'बजट'-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
आज छत्तीसगढ़ सरकार और छत्तीसगढ़ की जनता के लिए बेहद अहम दिन है। आज भूपेश सरकार विधानसभा में बजट पेश करने वाली। हर किसी की नजरें आज बजट पर टिकी हुई है। जाहिर है बजट के ज़रिए सरकार उन वर्गों को फोकस करेगी। जिनके वोट निर्णायक साबित होने वाले हैं। सीएम और वित्त मंत्री के रूप में भूपेश के कार्यकाल का यह आखिरी बजट कई मायनों में बेहद खास होगा। विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर हर वर्ग को साधने की पूरी कोशिश की जाएगी। रूठे सरकारी कर्मचारियों पर पर भी सरकार मेहरबान हो सकती है। उनकी लंबित मांगें पूरी हो सकती हैं। नियमित समेत कई जनकल्याणकारी घोषणाएं हो सकती हैं।
छत्तीसगढ़ में 17 साल से वित्त विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ही निभा रहे हैं। राज्य गठन के बाद अजीत जोगी की सरकार मेें कोरिया कुमार डा. रामचंद्र सिंहदेव वित्त मंत्री थे। उन्होेंने तीन बार बजट पेश किया। 2003 मेें रमन सरकार मेें वित्त्त मंत्री अमर अग्रवाल को बनाया गया। अग्रवाल ने तीन बजट पेश किया। इसके बाद डा. रमन सिंह से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक मुख्यमंत्री ही बजट भाषण पढ़ते रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में बजट का आकार 22 वर्षो में लगभग 22 गुना बढ़ गया है। राज्य गठन के बाद पहला बजट साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का था। बाद में अनुपूरक मिलाकर बजट का आकार 5,705 करोड़ रुपये हुआ। 2023-24 का बजट लगभग सवा लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। 2022-23 में एक लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रुपये का बजट था।
किसानों के जरिए सत्ता पर काबिज होने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस बार फिर किसानों के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है।
अनियमित संविदा कर्मचारियों को गुड न्यूज मिल सकती है। उनके सपने पूरे हो सकते हैं। सीएम बजट में कर्मचारियों के संविलियन की राह खोल सकते हैं।
युवाओं के लिए स्टार्टअप योजना और इनोवेशन सेंटर खोले जाने की योजना है। महिलाओं, गृहणियों को आत्मनिर्भर बनाने मुख्यमंत्री कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
सबसे अहम और बड़ी बात अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और आदिवासी वर्ग के वोट को साधने के लिए सरकार खजाना खोल सकती है।
कर्मचारी, किसान, महिलाएं और प्रदेश के शिक्षित युवाओं के हिस्से क्या कुछ आता है ये मुख्यमंत्री का पिटारा खुलने के बाद साफ होगा।
ये बड़ी घोषणाएं संभव
-398 स्वामी आत्मानंद नए स्कूल।
-अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण।
-2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता।
-10 जिलों में अंग्रेजी माध्यम के कालेज।
-36 आइटीआइ केंद्रों में से प्रत्येक को 33 करोड़ रुपये।
-आदिवासी समाज के पर्वों के आयोजन के लिए ग्राम पंचायत को 10 हजार रुपये।
-गरीबोें के इलाज की राशि की पांच लाख की सीमा मंे वृद्धि।