नक्सलियों का नक्सलवाद से मोहभंग .... या मौत का डर ..!, छत्तीसगढ़ में 71 नक्सलियों का एक साथ सरेंडर
बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की लगातार हो रही कार्रवाई का असर नक्सल संगठन पर व्यापक तौर पर दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को लेकर बड़ी सफलता मिली है।बस्तर के नक्सल इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सरेंडर अभियान दंतेवाड़ा में 24 सितंबर को सफल हुआ है. बुधवार को एक साथ कुल 71 नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में हथियार डाले हैं. सभी नक्सलियों ने लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में तीन नक्सली नाबालिग हैं. 71 माओवादियों का एक साथ सरेंडर करना नक्सल विरोधी अभियान के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। नक्सलवाद खत्म करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर प्रयास कर रही है. पिछले डेढ़ वर्ष में कई बड़े नक्सली मारे गए हैं, जिन पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा का भी इनाम था. इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियां लागू हैं, जिनके जरिए वह आत्मसमर्पण भी कर मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं. हाल ही में सोमवार को नारायणपुर जिले में हुई मुठभेड़ में दो इनामी नक्सली भी मार गए, जिन पर 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को लेकर बड़ी सफलता मिली है। प्रदेश के दंतेवाड़ा जिले में एक साथ 71 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। 71 माओवादियों का एक साथ सरेंडर करना नक्सल विरोधी अभियान के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। जिले में लोन वर्राटू अभियान के तहत आज कुल 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से 30 नक्सली इनामी हैं, जिन पर कुल 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सभी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा एसपी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
नक्सलियों की धीरे-धीरे टूट रही कमर
छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन को फिर बड़ा झटका लगा है। 71 माओवादियों ने एक साथ सरेंडर कर दिया है। वहीं सुरक्षाबलों की तरफ से लगातार चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान में कई बड़े नक्सल लीडर एनकाउंटर में ढेर हो रहे हैं। बड़े नक्सलियों की तरफ से कई बार समझौते को लेकर भी सरकार से अपील की गई है लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं होने के बाद अब नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में वापस लौट रहे हैं। इसी के तहत 71 नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है।
30 माओवादियों पर था 64 लाख का इनाम
हथियार डालने वाले 71 माओवादियों में 30 नक्सलियों पर 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था। नक्सल अभियान के तहत इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है। वहीं नक्सलियों ने भी कहा कि वे नक्सलवाद से तंग आ चुके हैं, इसलिए हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में लौटे हैं।
2023 से नक्सल विरोधी अभियान में आई तेजी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस यानी भूपेश बघेल के बाद सत्ता में आई बीजेपी की विष्णुदेव साय सरकार में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान में जबरदस्त तेजी आई है। विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के तुरंत बाद ही नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए ठोस रणनीतियाँ अपनाई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2023 से अब तक लगभग 1,700 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जबकि मुठभेड़ों में 466 नक्सली मारे जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद विरोधी अभियानों की गति पिछले दो वर्षों में अभूतपूर्व रही है।
सरेंडर करने वालों को तत्काल 50 हजार की सहायता
माओवादियों को मुख्यधारा में लौटाने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर भी कर रही है. आत्मसमर्पण करने वालों को 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता, साथ ही कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार, कृषि भूमि और सामाजिक पुनर्स्थापना जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. अब तक लोन वर्राटू अभियान के जरिए 1113 माओवादी, जिनमें 297 इनामी, आत्मसमर्पण कर चुके हैं. यह पहल बस्तर में शांति, विकास और पुनर्वास की मजबूत नींव रख रही है.
मार्च 2026 तक 'लाल आतंक' के खात्मे का लक्ष्य
दरअसल मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का खात्मा करने का लक्ष्य रखा गया है। गृह मंत्री अमित शाह के इस ऐलान के बाद से ही प्रदेश में सुरक्षाबलों की तरफ से लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।
