छत्तीसगढ़ में खाद की कोई किल्लत नहीं, पर्याप्त मात्रा मिलेगी- सीएम साय - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ में खाद की कोई किल्लत नहीं, पर्याप्त मात्रा मिलेगी- सीएम साय


राज्य में रासायनिक उर्वरको कोई कमी नहीं हैं.  छत्तीसगढ़ में किसानों को हो रही खाद की किल्लत के बीच सरकार ने बड़ा दावा किया है।  सरकार ने कहा है कि राज्य में रासायनिक उर्वरकों की कोई कमी नहीं है सभी प्रकार के रासायनिक उर्वरक सहकारी समितियों और निजी विक्रय केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष खाद के मुद्दे में राज्य सरकार को घेर रही है। विधानसभा में मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया।

अधिकारियों ने कहा- खरीफ सीजन-2025 के लिए सभी प्रकार के रासायनिक उर्वरक सहकारी समितियों और निजी विक्रय केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक परिस्थिति के चलते डीएपी खाद के आयात में कमी को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा इसके विकल्प के रूप में अन्य रासायनिक उर्वरकों की भरपूर आपूर्ति और वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि धान में यूरिया का उपयोग तीन बार किया जाता है. प्रथम बार बोआई/रोपाई के समय में, दूसरी बार कंसा निकलने के समय में बोआई/रोपाई से तीन चार सप्ताह बाद और तीसरी बार गभोट अवस्था में बोआई/रोपाई के 7 से 8 सप्ताह बाद, इस प्रकार यूरिया का सितम्बर माह के मध्य तक उपयोग किया जाता है. डीएपी उर्वरक का 1.63 लाख मेट्रिक टन भंडारण हुआ है. जुलाई माह के सप्लाई प्लान के अनुसार राज्य को 48 हजार 850 मेट्रिक टन डीएपी और मिलेगी. 

  अधिकारियों ने बताया कि राज्य में डीएपी की आपूर्ति में कमी से किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा इसके विकल्प के रूप में 1,79,000 बोतल नैनो डीएपी, एनपीके उर्वरक का लक्ष्य से 25 हजार मीट्रिक टन अधिक तथा एसएसपी का निर्धारित लक्ष्य से 50 हजार मीट्रिक टन का अतिरिक्त भंडारण किया गया है।

सीएम ने कहा परेशान नहीं हो किसान

राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे- नैनो डीएपी, एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। साय ने कहा है कि इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी मांग के अनुसार खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण किया गया है।

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