बीहड़ जंगल को पार कर घने जंगलों के बीच पहुंचा प्रशासन, गट्टाकाल गांव के लोगों को मिला योजनाओं का फायदा
शनिवार 17 मई 2025 का दिन अबूझमाड़ के लोगों के जीवन में खुशियां लेकर आया. अबूझमाड़ के बीहड़ जंगलों को पार कर जिला प्रशासन की टीम गट्टाकाल गांव पहुंची. दुर्गम ग्राम गट्टाकाल में जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग की टीम तीन घंटे पैदल चलकर पहुंची. गट्टाकाल जैसे इलाके में सरकारी टीम पहुंचने से लोगों में विश्वास जगा है. यहां 317 जरुरतमंद ग्रामीणों को पेंशन और सहायक उपकरण प्रदान किए गए. यहां के लोगों को नियद नेल्लानार योजना के तहत लोगों को मदद पहुंचाई गई. नारायणपुर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर और घने जंगलों के बीच बसे ग्राम गट्टाकाल तक प्रशासनिक टीम पहुंची. पहले टीम शासकीय वाहन से मोहंदी पहुंची. उसके बाद वहां से 15 किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता तीन घंटे में पैदल तय किया. यह अभियान समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक वैशाली मरड़वार के नेतृत्व में संचालित हुआ.
छत्तीसगढ़ समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक ने बताया कि ग्राम गट्टाकाल, जो अबूझमाड़ क्षेत्र का हिस्सा है, वर्षों से मुख्यधारा से कटा रहा है. माओवादी गतिविधियों, दुर्गम रास्तों और प्रशासनिक पहुंच की कमी के कारण यहां शासन की योजनाएं नहीं पहुंच पा रही थीं. विष्णुदेव साय सरकार के नेतृत्व में यहां नियद नेल्लानार योजना की शुरुआत की गई. जिसके तहत कुल 19 गांवों में योजनाओं को पहुंचाने का अभियान चलाया जा रहा है.
मोर दुआर साय सरकार की भावना हो रही साकार
गट्टाकाल जैसे बीहड़ क्षेत्र में योजनाओं की सीधी पहुंच से ग्रामीणों में शासन के प्रति भरोसा बढ़ा है. वे अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ने को उत्सुक हैं. यह प्रयास मोर दुआर साय सरकार की भावना को साकार करता है, जिसमें शासन स्वयं नागरिकों के द्वार तक पहुंचने को प्राथमिकता दे रहा है.