पथरी की अचूक दवा यह पौधा, सूजन, हाई बीपी और पेट की समस्याओं में भी कारगर
पत्थरचट्टा औषधीय गुणों से भरपूर होता है. यह बिना किसी साइड इफेक्ट के कई बीमारियों से बचाव कर सकती है. नियमित रूप से पत्थरचट्टा के पत्तों का रस या इसका काढ़ा सेवन करने से गुर्दे की पथरी की समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा सूजन, घाव, हाई बीपी और पेट संबंधी समस्याओं में भी कारगर माना जाता है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक है.
छत्तीसगढ़ में प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक दवाओं से कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता रहा है. ऐसे ही एक बहुत कारगर आयुर्वेदिक दवा के बारे में आज आपको बताने जा रहे हैं और इसे आयुर्वेद में अनेक जड़ी-बूटियों का वर्णन किया गया है, जो विभिन्न बीमारियों के उपचार में सहायक होती है. इन्हीं में से एक है पत्थरचट्टा जिसे गुर्दे की पथरी के इलाज में बेहद प्रभावी माना जाता है.
पत्थरचट्टा में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्व मूत्रवर्धक गुणों से भरपूर होते हैं, जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं. यह गुर्दे में मौजूद पथरी को धीरे-धीरे घोलकर बाहर निकालने में मदद करता है. यदि किसी व्यक्ति को गुर्दे की पथरी की समस्या हो, तो वह नियमित रूप से पत्थरचट्टा के पत्तों का रस या इसका काढ़ा पी सकता है. इसके अलावा, पत्थरचट्टा की ताजी पत्तियों को चबाकर खाना भी लाभकारी होता है.
पत्थरचट्टा सिर्फ पथरी ही नहीं, बल्कि सूजन, घाव भरने, उच्च रक्तचाप और पेट संबंधी समस्याओं में भी कारगर माना जाता है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक है आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि पत्थरचट्टा एक प्राकृतिक औषधि है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के कई बीमारियों से बचाव कर सकती है. हालांकि, इसे नियमित रूप से लेने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है.