सबसे बड़े ऑपरेशन से थर्राए नक्सली, 24 हजार जवानों ने घेरा, एक सप्ताह में दूसरी बार भेजा शांतिवार्ता का प्रस्ताव
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल के जवान ऑपरेशन चला रहे हैं। इस अभियान में करीब 24 हजार जवान शामिल है। छत्तीसगढ़ में इस अभियान को नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा अभियान बताया जा रहा है। इस अभियान में नक्सली के कई टॉप लीडर घिर गए हैं। नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने हाल ही में एक पत्र जारी कर सरकार से शांति वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने का आग्रह किया है. बताया जा रहा है कि इस अभियान में नक्सलियों के टॉप लीडर घिर गए हैं। नक्सली संगठनों ने अपने टॉप कैडर को बचाने के लिए शांति को लेकर लेटर लिखा है। सरकार ने नक्सली संगठनों के लिखे लेटर पर गंभीरता से विचार नहीं किया है। जिसके बाद सुरक्षाबल के जवान लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने यह पत्र भेजा है. पत्र में संगठन की तरफ से सरकारों से बार-बार शांति वार्ता का प्रस्ताव रखने और शांति वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने का जिक्र किया गया है. पत्र में करेगुट्टा मुठभेड़ में तीन नक्सलियों के मारे जाने की बात भी स्वीकारी है. वहीं, सरकार से बिना शर्त छत्तीसगढ़ समेत झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र आदि राज्यों में एक समय सीमा में युद्ध विराम कर शांति वार्ता करने की मांग रखी है.
21 अप्रैल से शुरू हुआ है अभियान
यह अभियान 21 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 450 किलोमीटर दूर अंतरराज्यीय सीमा बीजापुर (छत्तीसगढ़) और मुलुगु (तेलंगाना) के दोनों ओर लगभग 800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले कर्रेगुट्टा और दुर्गमगुट्टा की पहाड़ियों और घने जंगल में शुरू किया गया था। जिस इलाके में अभियान चल रहा है, वह पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है तथा इसे माओवादियों की ‘पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर एक’ का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। ‘बटालियन नंबर’ एक माओवादियों का सबसे मजबूत सैन्य संगठन है।
कब तक चलेगा अभियान
अधिकारी ने कहा कि जब तक क्षेत्र को माओवादियों के अवैध और प्रतिबंधित संगठनों से मुक्त नहीं कर दिया जाता, तब तक अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के पास अब भी हिंसा छोड़ने और आत्मसमर्पण करने का विकल्प है। 24 अप्रैल को कर्रेगुट्टा पहाड़ियों पर तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया गया और इस दौरान सुरक्षाबलों ने हथियारों, विस्फोटकों और अन्य सामग्रियों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक, हमारे सभी जवान सुरक्षित हैं। दुर्गम इलाके और भीषण गर्मी की कठिनाइयों को छोड़कर कोई समस्या नहीं है। चुनौतियों से निपटने के लिए जवानों का मनोबल ऊंचा है।’’ अभियान के दौरान अलग-अलग स्थानों पर नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट होने से डीआरजी और एसटीएफ के एक-एक जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे। अभियान में शामिल कुछ जवानों को पानी की कमी और लू लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।