छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के बस्तर में हरा सोना यानी तेंदूपत्ता जंगलों में रहने वाले आदिवासियों की आय का बड़ा स्त्रोत है. हरा सोना कहलाने वाला तेंदूपत्ता बस्तर का महत्वपूर्ण वन उत्पाद है. जो बस्तर क्षेत्र के आदिवासियों के लिए रोजगार भी मुहैया करवाता है. हर साल तेंदूपत्ता खरीदी की प्रक्रिया में टेंडर जारी होते थे. जिसके बाद ठेकेदार इन पत्तों की खरीदारी करते थे. लेकिन इस साल से वनविभाग तेंदूपत्ता संग्राहकों से सीधी खरीदी करेगा. विष्णुदेव साय सरकार ने पिछले साल तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति बोरा मानक दर 4 हजार रुपए से बढ़ाकर 5500 रुपए तय किया था. साथ ही साथ तेंदूपत्ता को समितियों के माध्यम से खरीदा था.लेकिन इस बार एक कदम आगे बढ़ते हुए शासन ने संग्राहकों से सीधा तेंदूपत्ता खरीदने का प्लान तैयार किया है. जिससे शासन और संग्राहकों के बीच बिचौलियों खत्म हो जाएंगे. जिसका सीधा लाभ तेंदूपत्ता संग्राहकों को होगा. बिचौलिये और ठेकेदार खत्म होने से जहां एक ओर संग्राहकों को सीधी राशि बैंक अकाउंट में मिलेगी,वहीं दूसरी ओर नक्सलियों की फंडिंग भी रुकेगी.क्योंकि कई मौकों पर देखा गया है कि ठेकेदार प्रभुत्व कायम करने के लिए नक्सलियों का समर्थन लेते थे.इसके एवज में उन्हें फंड मुहैया करवाया जाता था.लेकिन तेंदूपत्ता की सीधी खरीदी होने से संग्राहक ही लाभ में रहेंगे.
आदिवासियों की आय का बड़ा स्त्रोत है हरा सोना, अब सीधे खरीदेगी सरकार संग्राहकों को होगा लाभ
Wednesday, March 19, 2025
Edit
छत्तीसगढ़ के बस्तर में हरा सोना यानी तेंदूपत्ता जंगलों में रहने वाले आदिवासियों की आय का बड़ा स्त्रोत है. हरा सोना कहलाने वाला तेंदूपत्ता बस्तर का महत्वपूर्ण वन उत्पाद है. जो बस्तर क्षेत्र के आदिवासियों के लिए रोजगार भी मुहैया करवाता है. हर साल तेंदूपत्ता खरीदी की प्रक्रिया में टेंडर जारी होते थे. जिसके बाद ठेकेदार इन पत्तों की खरीदारी करते थे. लेकिन इस साल से वनविभाग तेंदूपत्ता संग्राहकों से सीधी खरीदी करेगा. विष्णुदेव साय सरकार ने पिछले साल तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति बोरा मानक दर 4 हजार रुपए से बढ़ाकर 5500 रुपए तय किया था. साथ ही साथ तेंदूपत्ता को समितियों के माध्यम से खरीदा था.लेकिन इस बार एक कदम आगे बढ़ते हुए शासन ने संग्राहकों से सीधा तेंदूपत्ता खरीदने का प्लान तैयार किया है. जिससे शासन और संग्राहकों के बीच बिचौलियों खत्म हो जाएंगे. जिसका सीधा लाभ तेंदूपत्ता संग्राहकों को होगा. बिचौलिये और ठेकेदार खत्म होने से जहां एक ओर संग्राहकों को सीधी राशि बैंक अकाउंट में मिलेगी,वहीं दूसरी ओर नक्सलियों की फंडिंग भी रुकेगी.क्योंकि कई मौकों पर देखा गया है कि ठेकेदार प्रभुत्व कायम करने के लिए नक्सलियों का समर्थन लेते थे.इसके एवज में उन्हें फंड मुहैया करवाया जाता था.लेकिन तेंदूपत्ता की सीधी खरीदी होने से संग्राहक ही लाभ में रहेंगे.
Previous article
Next article