अब तो मुर्दे भी ले जाते हैं सरकारी राशन, मृत माता-पिता के नाम से निकाला जा रहा राशन
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के नेवारीकला गांव में सरकारी राशन योजना का मजाक बनाया जा रहा है. बालोद जिले के नेवारीकला गांव में सरकारी खाद्य योजनाओं में घोटाले का खुलासा हुआ है. आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर एक मृत दंपति के नाम से फर्जी राशन कार्ड जारी किया और पिछले 18 महीनों से इसके जरिए राशन उठाया जा रहा है. ग्रामीणों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ बालोद कलेक्टर से शिकायत दर्ज कर कठोर कार्रवाई की मांग की है. बालोद जिले कई राशन कार्डधारी मृत व्यक्ति के नाम से राशन ले रहे हैं। सरपंच व सचिव इसकी खाद्य विभाग व जनपद को भी सूचना तक नहीं दे रहे हैं। ऐसा ही मामला जिले के ग्राम नेवारीकला में सामने आया है। ग्राम पंचायत उपसरपंच के परिवार के दो सदस्य की मौत 2022 में हो चुकी है। आज तक उनके नाम से राशन सरकारी उचित मूल्य की दुकान से दिया जा रहा है। इसकी जानकारी मिलने के बाद कुछ ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंच कर कलेक्टर से शिकायत की है। वहीं कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा?
आरोप है कि नेवारीकला गांव के उपसरपंच टीकेश कुमार शर्मा के माता-पिता, जो 18 महीने पहले ही स्वर्गवासी हो चुके हैं, लेकिन उनके नाम से फर्जी राशन कार्ड बनवाया गया. यह भी आरोप है कि सरपंच और सचिव की मिलीभगत से इस राशन कार्ड को जारी किया गया. उक्त राशन कार्ड का उपयोग खुद उपसरपंच कर रहे हैं, जो खुद सेल्समैन का काम भी संभालते हैं. उन्होंने न शासन की ओर से वितरित खाद्य सामग्री हासिल करने के लिए इस कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. ग्रामीणों के अनुसार, यह खाद्यान्न योजना में गंभीर अनियमितता और भ्रष्टाचार का मामला है.
ग्रामीणों का आरोप और मांग
ग्रामीणों ने लिखित शिकायत के माध्यम से यह मामला कलेक्टर के सामने उठाया है. शिकायत में सरपंच और सचिव पर आरोप लगाए गए है कि मृतक नंदकुमारी शर्मा और कमलेश्वर शर्मा के नाम पर फर्जी राशन कार्ड जारी कराया गया. उपसरपंच पिछले 18 महीने से इसका दुरुपयोग सरकारी खाद्य सामग्री हासिल करने के लिए किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि यह राशन कार्ड पद का दुरुपयोग कर बनवाया गया है. लोगों का यह भी आरोप है कि ग्रामीणों को शिकायत पर गोलमाल जवाब देने के साथ ही उन्हें धमकाया जाता है. लिहाजा, ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही राशन सामग्री की रिकवरी की जाए और उपसरपंच और सचिव को सभी पदों से हटाया जाए. इसके साथ ही इन दोनों का भविष्य में पंचायत के किसी पद पर नियुक्ति होने का अधिकार भी छीना जाए.
प्रशासन ने जांच के बाद कार्रवाई का दिया भरोसा
वहीं, मामला जब खाद्य विभाग पहुंचा तो जिला अधिकारी तुलसी राम ठाकुर ने तुरंत ही जांच शुरू कर दी जिसके बाद परिणाम चौंकाने वाले रहे उपसरपंच टिकेश शर्मा की स्वर्गवासी मां और पिता के नाम से बने राशन कार्ड से राशन निकाले जाने की बात सामने आई है लेकिन उनके परिवार से किसी के राशन निकलने की बात कही है जिला खाद्य अधिकारी ने कहा कि पूरे मामले में वास्तविक स्थिति स्पष्ट करने के लिए दो सदस्य टीम बनाई जाएगी जिसमें खाद्य विभाग और जनपद के अधिकारी कर्मचारी शामिल रहेंगे उन्होंने जांच के बाद ही मामले का स्पष्टीकरण होने की बात की है।
उप सरपंच ने बताया षडयंत्र
गांव के उप सरपंच टिकेश शर्मा ने पूरे मामले को षडयंत्र बताया है उन्होंने कहा कि पिता की मृत्यु के बाद परिवार सहायता राशि मिलने की उम्मीद में मैं किसी का नाम नहीं कटवाया था इसी दौरान मां की भी मृत्यु हो गई उन्होंने कहा कि 3 महीने से मेरा राशन कार्ड नवीनीकरण हो गया है और मैं राशन नहीं निकाल रहा हूं वहीं उन्होंने एक गंभीर मामले का खुलासा किया कि गांव में कई से लोग हैं जो मृत व्यक्तियों के नाम से राशन कार्ड का आहरण कर रहे हैं अगर जांच होती है तो सब के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल
यह घटना केवल एक गांव का मामला नहीं है, बल्कि यह पंचायत स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीर तस्वीर पेश करती है.यह मामला दिखाता है कि कैसे पंचायत अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. राशन जैसी महत्वपूर्ण योजना, जो गरीबों के लिए है, उसका दुरुपयोग किया जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है. बार-बार शिकायतों के बावजूद भी कड़ी निगरानी और कार्रवाई न होना भी अफसोसनाक बात है.
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच रिपोर्ट कब तक आती है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है. ग्रामीणों की शिकायत ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है. अब प्रशासन के पास मौका है कि वह दोषियों पर सख्त कार्रवाई कर अपनी जवाबदेही साबित करे.