छत्तीसगढ़
कबीरधाम के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने ग्राम पंचायत कोयलारीकापा के सचिव को सस्पेंड कर दिया है. वजह है गांववालों की शिकायत! दरअसल, सचिव मालिकराम गोयल पर गांव वालों के साथ अभद्र व्यवहार कर मनमानी के आरोप लगे थे. यही नहीं, कोयलारीकापा के सचिव मालिकराम गोयल पर घूस लेने जैसे गंभीर आरोप लगे थे. मिली जानकारी के मुताबिक, सचिव मालिकराम गोयल पर आरोप है कि उन्होंने एक ग्रामीण से जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए 1,000 रुपये की मांग की थी. ग्रामीण जब पैसे देने और प्रमाण पत्र लेने के लिए सचिव के घर पहुंचे तो सचिव ने फिर से पैसे मांगे.... यानी कि ग्राम पंचायत के सचिव ने हजार रुपये के लिए ग्रामीण से एक बार नहीं बार-बार मांग की. इस पूरे घटनाक्रम को ग्रामीण ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. सचिव मालिकराम गोयल द्वारा अपने कार्य में गंभीर लापरवाही बरती गई। यह कृत्य छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 में निहित प्रावधानों के विपरित है व कदाचरण की श्रेणी में आता है। सचिव मालिकराम गोयल को छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 में निहित प्रावधान अनुसार सस्पेंड किया गया है। पूरे प्रकरण में ग्रामीणों की मांग है कि भ्रष्टाचार में लिप्त पंचायत सचिव को तत्काल पद से मुक्त कर उचित कार्रवाई की जाए. उनका आरोप है कि छोटे-छोटे कामों के लिए सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.
पंचायत सचिव ने मांगी जन्म प्रमाण पत्र बनाने एक हजार रुपए घूस, सस्पेंड, सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो
Thursday, December 5, 2024
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कबीरधाम के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने ग्राम पंचायत कोयलारीकापा के सचिव को सस्पेंड कर दिया है. वजह है गांववालों की शिकायत! दरअसल, सचिव मालिकराम गोयल पर गांव वालों के साथ अभद्र व्यवहार कर मनमानी के आरोप लगे थे. यही नहीं, कोयलारीकापा के सचिव मालिकराम गोयल पर घूस लेने जैसे गंभीर आरोप लगे थे. मिली जानकारी के मुताबिक, सचिव मालिकराम गोयल पर आरोप है कि उन्होंने एक ग्रामीण से जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए 1,000 रुपये की मांग की थी. ग्रामीण जब पैसे देने और प्रमाण पत्र लेने के लिए सचिव के घर पहुंचे तो सचिव ने फिर से पैसे मांगे.... यानी कि ग्राम पंचायत के सचिव ने हजार रुपये के लिए ग्रामीण से एक बार नहीं बार-बार मांग की. इस पूरे घटनाक्रम को ग्रामीण ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. सचिव मालिकराम गोयल द्वारा अपने कार्य में गंभीर लापरवाही बरती गई। यह कृत्य छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 में निहित प्रावधानों के विपरित है व कदाचरण की श्रेणी में आता है। सचिव मालिकराम गोयल को छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 में निहित प्रावधान अनुसार सस्पेंड किया गया है। पूरे प्रकरण में ग्रामीणों की मांग है कि भ्रष्टाचार में लिप्त पंचायत सचिव को तत्काल पद से मुक्त कर उचित कार्रवाई की जाए. उनका आरोप है कि छोटे-छोटे कामों के लिए सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.
वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद जनपद पंचायत पंडरिया के CEO तरुण बघेल ने मामले की जांच कर रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी. कलेक्टर गोपाल वर्मा ने इसे गंभीर लापरवाही और गलत आचरण मानते हुए सचिव मालिकराम गोयल को तुरंत सस्पेंड कर दिया.
सस्पेंड तो हो गए... अब आगे क्या ?
सस्पेंड के दौरान सचिव का मुख्यालय जनपद पंचायत पंडरिया रहेगा. उन्हें नियमा के मुताबिक, जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा. वहीं, ग्राम पंचायत कोयलारीकापा का अतिरिक्त कार्यभार ग्राम पंचायत अंधियारखोर के सचिव शेख फकरुद्दीन को सौंपा गया है.
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