बाहरी प्रत्याशियों को छत्तीसगढ़ की जनता ने नकारा - CGKIRAN

बाहरी प्रत्याशियों को छत्तीसगढ़ की जनता ने नकारा


छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस बार फिर परचम लहरा दिया है। 11 में से 10 सीट में विजयगाथा लिख दिया है। इस लोकसभा चुनाव में बाहरी बनाम स्थानीय मुद्दा बहुत देखने को मिला कई लोकसभा में तो इसके लिए स्थानीय नेताओं ने इसका विरोध भी किया पर पार्टी अपना फैसला नहीं बदली।  इस चुनाव में अपने क्षेत्र से चुनाव न लड़कर दूसरे क्षेत्र (सीट) से चुनाव लड़े। यह मतदाताओं को रस नहीं आई। यही वजह बना कि बाहरी प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा। इस चुनाव में जाति समीकरणों को साधने के लिए कद्दावर नेताओं को अपने क्षेत्र को छोड़कर दूसरे सीट पर चुनाव लड़ाया गया था, लिहाजा उनको हार का सामना करना पड़ा।  इस बार जनता को बाहरी नेता नहीं चाहिए था। उन्होने इसे नकार दिया और परिणाम हमारे पास है। पार्टी ने जातिगत समीकरण को देखते हुए बाहरी नेताओं को स्थानीय नेताओं का  अनदेखा कर पार्टी का टिकट दिया था पर वह अपनी साख भी नहीं बचा पाये। 

भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों ने जातिगत-सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए बाहरी प्रत्याशी चुनाव में खड़ा किया, लेकिन मतदाताओं ने नकार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से आते हैं, वहीं उनको राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ाया गया। इस पर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने ही बघेल को सपोर्ट नहीं किया। इसी तरह भाजपा ने दुर्ग क्षेत्र के नेत्री सरोज पांडे को कोरबा से चुनाव लड़ाया गया, लेकिन कोरबा की जनता ने इन्हें नकार दिया। 

जानकारों की मानें तो इस चुनाव में स्थानीय और बाहरी का टैग लग गया। जिन जिन क्षेत्रों में बाहरी प्रत्याशी चुनाव लड़े, उन सभी क्षेत्रों में यह टैग लगा। जनता में स्थानीय और बाहरी का मुद्दा गरमाया रहा। चुनाव परिणाम आने के बाद यह पता चल ही गया कि बाहरियों को जनता ने नकार दिया। भाजपा ने जब लिस्ट जारी कि उसमें कोरबा से पांडे को टिकट दिया गया था, यही से बाहरी का आवाज उठने लगी, लेकिन कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और कद्दावर नेताओं को दूसरे क्षेत्रों से चुनाव लड़ाया। इस बीच स्थानीय प्रत्याशियों की पकड़ मजबूत रही और भाजपा के प्रत्याशियों ने पूर्व मंत्री और कद्दावर नेताओं को पटखनी दी। 

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा कांग्रेस दोनों ने यह प्रयोग अपनाया था। भाजपा ने नेत्री सरोज पांडे को कोरबा, तो कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनांदगांव, पूर्व मंत्री डॉ. शिव डहरिया को जांजगीर चांपा, पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को महासमुंद और भिलाई विधायक देवेंद्र सिंह यादव को बिलासपुर से चुनाव लड़ाया गया। इन सभी प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा। मतदाताओं ने इन्हें नकार दिया। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री होते हुए भी बघेल ने अपना सीट नहीं बचा सके। वहीं एससी सीट होने पर डहरिया ने क्षेत्र बदला, लेकिन अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे।

दूसरे सीट से चुनाव लडऩे पर इन्हें मिली हार

दुर्ग क्षेत्र के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव से चुनाव हारे 

दुर्ग क्षेत्र के पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू महासमुंद से चुनाव हारे

रायपुर क्षेत्र के पूर्व मंत्री शिव डहरिया जांजगीर-चांपा से चुनाव हारे 

दुर्ग क्षेत्र के भिलाई विधायक देवेंद्र यादव बिलासपुर से चुनाव हारे 

दुर्ग क्षेत्र के सरोज पांडे कोरबा से चुनाव हारे


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