छत्तीसगढ़ के इन शहरों में दौड़ेगी प्रधानमंत्री ई-बस
छत्तीसगढ़ में जनता की सहूलियत के लिए सरकार कई तरह की सुविधाएं देने में लगी हुई है। अक्सर राज्य की सार्वजानिक बसों में इतनी भीड़ होती है कि आने-जाने के लिए जनता को बिना सीट के ही यानी खड़े होकर पूरा सफर तय करना पड़ता है। इस वजह से जनता की परेशानी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सार्वजानिक परिवहन के ढांचे को और अच्छा करने पर काम करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने पीएम ई-बस सेवा योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत राज्यों के शहरों में जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है।छत्तीसगढ़ में भी परिवहन सेवाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. शुक्रवार को प्रदेश के 4 बड़े शहरों में प्रधानमंत्री ई-बस योजना योजना के तहत 240 ई- बसों को मंजूरी मिली है. केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के संचालन के लिए छत्तीसगढ़ के चार शहरों को मंजूरी दी है। राजधानी रायपुर, कोरबा, भिलाई-दुर्ग और बिलासपुर को इस योजना का लाभ मिला है। प्रदेश को 240 ई-बसों की स्वीकृति मिली है। केन्द्र सरकार से रायपुर शहर को सार्वजनिक परिवहन के लिए 100 इलेक्ट्रॉनिक बसें मिलेंगी।
केन्द्र सरकार ने रायपुर के लिए 100, कोरबा के लिए 40, भिलाई-दुर्ग के लिए 50 और बिलासपुर के लिए 50 ई-बसों की स्वीकृति प्रदान की है। देश के 169 शहरों ने सार्वजनिक परिवहन की प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के लिए अपना डीपीआर केन्द्र सरकार को प्रस्तुत किया था, जिसमें से राजधानी रायपुर सहित चयनित अन्य शहरों को इस सेवा का लाभ मिला है। अब इन शहरों को सार्वजनिक परिवहन के लिए ई-बस सेवा की सुविधा मिलेगी।
रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में नगर निगम रायपुर ने सार्वजनिक परिवहन के लिए ई-बस सेवा की सुविधा के लिए भारत सरकार के इस योजना में चयनित होने विस्तृत कार्य योजना प्रतिवेदन केन्द्र सरकार को प्रेषित किया था। नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने बताया है कि सितंबर माह में प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के लिए 169 शहरों में से 100 शहरों ने चयन के लिए अपनी दावेदारी केन्द्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत की थी। रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के कोरबा, भिलाई-दुर्ग, बिलासपुर ने ई-बस सेवा योजना में चयन हेतु अपना विस्तृत कार्य योजना के साथ अपनी दावेदारी की थी।
राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर कहा कि छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू करने से शहरी परिवहन में क्रांति आएगी। यह पहल पर्यावरण बचाने के साथ-साथ जनता को अच्छी-से-अच्छी परिवहन सुविधाएं देने की दिशा में एक कदम आगे ले जाती है।